संसार की समर स्थली मे धीरता धारण करो, मे अनुप्रास अलंकार है.
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
मंगन को देखि पट देत बार-बार है में कौन सा अलंकार है
कढ़त साथ ही म्यान तें, असि रिपु तन ते प्रान ।’ में कौन सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती में कौन सा अलंकार है
सठ सुधरहिं सतसंगति पाईं में कौन सा अलंकार है
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा में कौन सा अलंकार है
अंबर के तारे मानो मोती अनगन है में कौन सा अलंकार है
हरिपद कोमल-कमल से में कौन-सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी ,बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन-सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
'छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
कबीरा सोई पीर है जो जानै पर पीर, जो पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर, में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला’ में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली, में कौन सा अलंकार है
सारंग ले सारंग चली कर सारंग की ओट , सारंग झीनो देखकर सारंग कर गई चोट,में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
‘बरसत बारिद बून्द गहि’ में कौन सा अलंकार है
बाण नहीं पहुंचे शरीर तक शत्रु गिरे पहले ही भू पर में कौन सा अलंकार है
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
रावण सिर-सरोज-वनचारी में कौन सा अलंकार है
निर्धन के धन सी तुम आई में कौन-सा अलंकार है
लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार की उत्पत्ति होती है
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।’ में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं, इसमें कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में कौन सा अलंकार है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
वे रहीम नर धन्य हैं में कौन सा अलंकार है
राम रमापति कर धनु लेहू में कौन सा अलंकार है
‘हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।’ में कौन सा अलंकार है
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
यह देखिये , अरविन्द – शिशु वृन्द कैसे सो रहे।’ में कौन सा अलंकार है
कूकै लगी कोयल कदंबन पर बैठी फेरि।’ में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन इसमें कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका चादर ओढ़े में कौन सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी। मिली न तेरे मुख की उपमा, देखी वसुधा सारी में कौन सा अलंकार है
जगी वनस्पतियां अलसाई मुह धोया शीतल जल से में कौन सा अलंकार है
मजबूत शिला-सी दृढ़ छाती में कौन-सा अलंकार है
‘ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।’ में कौन सा अलंकार है
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के में कौन सा अलंकार है
को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।’ में कौन सा अलंकार है
बाधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से। मणि वाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ था हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
‘आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै। गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै।’ में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
नभ पर चमचम चपला चमकी में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के में कौन सा अलंकार है
लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं।’ में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर में कौन सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
दृग पग पोंछन को करे भूषन पायंदाज में कौन सा अलंकार है
दुख इस मानव-आत्मा का रे में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
‘मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों’ में कौन सा अलंकार है