इसमें यमक अलंकार है.
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।’ में कौन सा अलंकार है
भर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर, यों जिये जिस तरह उगे सब्ज़, रेग जारों में ओस पी पी कर इसमें कौन सा अलंकार है
उदित उदय गिरि-मंच पर रघुबर-बाल पतंग, बिकसे संत-सरोज सब हरषे लोचन-भृंग।’ में कौन सा अलंकार है
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों में कौन सा अलंकार है
'सुरभित सुन्दर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
‘खेदि -खेदि खाती दिह दारुन दलन की’ में कौन सा अलंकार है
मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय में कौन सा अलंकार है
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।’ में कौन सा अलंकार है
रनित भृंग-घंटावली झरित दान-मधुनीर, मंद-मंद आवत चल्यो कुंजरु कुंज समीर,में कौन सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
सिंधु सा विस्तृत और अथाह एक निर्वासित का उत्साह’ में कौन सा अलंकार है
हरिपद कोमल-कमल से में कौन-सा अलंकार है
अंबर के तारे मानो मोती अनगन है में कौन सा अलंकार है
मानहु विधि तन-अच्छ छवि स्वच्छ राखिजे काज में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अंदर रह न बारी, ऊँचे बोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
मैं बरजी कै बार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।’ में कौन सा अलंकार है
‘कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।’ में कौन सा अलंकार है
‘माला फेरत जुग भया, मिटा न मनका फेर, कर का मनका डारि के मन का मनका फेर।’ में कौन सा अलंकार है
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी में कौन-सा अलंकार है
कूकै लगी कोयल कदंबन पर बैठी फेरि।’ में कौन सा अलंकार है
तारावलि-सी मृदु मुसकान में कौन-सा अलंकार है
‘तारा सो तरनि धूरि धारा मैं लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यो हलत है।’ में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
सिंधु-सा विस्तृत और अथाह एक निर्वासित का उत्साह में कौन-सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा सी बहती है अब निशि -वासर’ में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
कुंद इंदु सम देह, उमा रमन करुणा अयन में कौन सा अलंकार है
बिधि निषेधमय कलिमल हरनी में कौन सा अलंकार है
खुले कोरे पृष्ठ जैसा वही उज्ज्वल, वही पावन रूप में कौन-सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि,में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
हीन भय जल मीन अधीन में कौन सा अलंकार है
वह शर इधर गांडीव धनुष से भिन्न जैसे ही हुआ में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
वे रहीम नर धन्य हैं में कौन सा अलंकार है
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान, तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान. इसमें कौन सा अलंकार है
बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है।
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
सागर की लहर-लहर में है हास में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पर झीन में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी। मिली न तेरे मुख की उपमा, देखी वसुधा सारी में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
नभ मंडल छाया मरुस्थल सा दल बाँध के अंधड़ आवे चला में कौन-सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
उसका मुखड़ा चंद्रमा के समान सुंदर है में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
बाँधा था विधु को किसने इन काली ज़ंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
‘ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।’ में कौन सा अलंकार है
देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिके करुना निधि रोए।’ में कौन सा अलंकार है
किसबी, किसान-कुल बनिक, भिखारी, भाट में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
शोभा-सिंधु ना अंत रही है।’ में कौन सा अलंकार है
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।’ में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच नाच करती है में कौन सा अलंकार है
जननी तू जननी भई,विधि सन कछु ना बसाय, में कौन सा अलंकार है
ईस भजनु सारथी-सुजाना , बिरति-वर्म संतोष कृपाना।’ में कौन सा अलंकार है
जगी वनस्पतियां अलसाई मुह धोया शीतल जल से में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
हां मैं हूं वृक्ष ओ मेरे प्यारे बच्चों में कौन सा अलंकार है