यमक अलंकार है.
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
मुख मानो चंद्रमा है में कौन सा अलंकार है
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग में कौन सा अलंकार है
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
असंख्य कीर्ति रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी में कौन-सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी ,बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन-सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात में कौन सा अलंकार है
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा में कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पर झीन में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती में कौन सा अलंकार है
मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला’ में कौन सा अलंकार है
जो रहीम गति दीप की में कौन सा अलंकार है
नभ पर चमचम चपला चमकी में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
‘इस सोते संसार बीच, जगकर सजकर रजनीबाले।’ में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली ,कमल कोमल क्र में सप्रीत।’ में कौन सा अलंकार है
'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़े।’ में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
हीन भय जल मीन अधीन में कौन सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
मन-सागर मनसा लहरि बूड़े-बहे अनेक में कौन सा अलंकार है
‘आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै। गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै।’ में कौन सा अलंकार है
राम रमापति कर धनु लेहू में कौन सा अलंकार है
वह शर इधर गांडीव धनुष से भिन्न जैसे ही हुआ में कौन सा अलंकार है
‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।’ में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा सी बहती है अब निशि -वासर’ में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन में कौन-सा अलंकार है
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय मैं कौन सा अलंकार है
है जन्म लेते जगह में एक ही में कौन सा अलंकार है
दुख इस मानव-आत्मा का रे में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
बाँधा था विधु को किसने इन काली ज़ंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
पुलक प्रकट करती है धरती हरित तृणों की नोकों से, मानो झूम रहे हों तरु भी मंद पवन के झोंकों से में कौन सा अलंकार है
कुंद इंदु सम देह, उमा रमन करुणा अयन में कौन सा अलंकार है
‘धीरे-धीरे उतर क्षितिज से आ बसंत-रजनी।’ में कौन सा अलंकार है
लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए में कौन सा अलंकार है
हमारे हरि हारिल की लकरी’ में कौन सा अलंकार है
'छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
या अनुरागी चित्त की गति समझे नहिं कोय में कौन सा अलंकार है
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर में कौन सा अलंकार है
भर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर, यों जिये जिस तरह उगे सब्ज़, रेग जारों में ओस पी पी कर इसमें कौन सा अलंकार है
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।’ में कौन सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार है
नही पराग नहिं मधुर मधु में कौन सा अलंकार है
उसका मुखड़ा चंद्रमा के समान सुंदर है में कौन सा अलंकार है
सठ सुधरहिं सतसंगति पाईं में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में कौन सा अलंकार है
देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिके करुना निधि रोए।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
वृंदावन विहरत फिरै राधा नंद किशोर में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।’ में कौन सा अलंकार है
‘श्रद्धानत तरुओं की अंजली से झरे पात, कोंपल के मूंदे नयन थर-थर-थर पुलकगात।’ में कौन सा अलंकार है
‘प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है।’ में कौन सा अलंकार है
कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि,में कौन सा अलंकार है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
‘दादुर धुनि चहुँ दिशा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई ।’ में कौन सा अलंकार है
रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
काली घटा का घमंड घटा, नभ तारक मंडलवृंद खिले मैं कौन सा अलंकार है