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'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में कौन सा अलंकार है

kul-kanan-kundal-peacock-pakha-ur-pic-banmal-virajat-hai-mein-kaun-sa-alankaar-hai : 'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में अनुप्रास अलंकार है। इस काव्य-पंक्ति में '' वर्ण की तीन बार और '' वर्ण की दो बार आवृत्ति होने से चमत्कार आ गया है, इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार की उत्पत्ति होती है।