Gkmob.com

अलंकार

On this page, we describe Alankar in Hindi. Read below to find out Alankar Kise Kahate Hain (What is Alankar) and Alankar Ki Paribhasha (Definition of Alankar).

अलंकार किसे कहते हैं? (Alankar Kise Kahate Hain)

वैसे तो अलंकार कई प्रकार के होते हैं, परन्तु यहाँ हम केवल मुख्य अलंकारों का गहन अध्ययन करेंगे और आपको उनके बारे में सुचारू रूप से जानकारी देंगे।

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है—'आभूषण' या 'गहना'। जिस प्रकार हम स्वयं को सुंदर दिखाने के लिए आभूषणों का प्रयोग करते हैं, उसी प्रकार काव्य (कविता) की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है।

अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha)

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है— अलम् + कार

  • अलम् (Alam): इसका अर्थ होता है 'भूषण' या 'सजावट'।

  • कार (Kar): इसका अर्थ होता है 'करने वाला'।

अतः जो अलंकृत या भूषित करे, वही अलंकार है।

अलंकार के भेद (Types of Alankar)

अलंकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

1. शब्दालंकार (Shabdalankar) जहाँ शब्दों के माध्यम से काव्य में चमत्कार या सौंदर्य उत्पन्न हो, वहाँ शब्दालंकार होता है। इस अलंकार में यदि शब्द विशेष को हटाकर उसका पर्यायवाची रख दिया जाए, तो अलंकार (चमत्कार) समाप्त हो जाता है।

  • प्रमुख उदाहरण: अनुप्रास, यमक, श्लेष, पुनरुक्ति प्रकाश, प्रश्न आदि।

2. अर्थालंकार (Arthalankar) जहाँ अलंकार 'अर्थ' पर आश्रित हो, वहाँ अर्थालंकार होता है। इस अलंकार में शब्दों को बदल देने पर भी (यदि उनका अर्थ समान रहे) चमत्कार बना रहता है।

  • प्रमुख उदाहरण: उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, व्यतिरेक, विरोधाभास आदि।