इसमें यमक अलंकार है.
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पर झीन में कौन सा अलंकार है
राम नाम मनि-दीप धरु, जीह देहरी दवार, एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास।’ में कौन सा अलंकार है
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय मैं कौन सा अलंकार है
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली ,कमल कोमल क्र में सप्रीत।’ में कौन सा अलंकार है
बाण नहीं पहुंचे शरीर तक शत्रु गिरे पहले ही भू पर में कौन सा अलंकार है
वह शर इधर गांडीव धनुष से भिन्न जैसे ही हुआ में कौन सा अलंकार है
कोलाहल बैठा सुल्तान में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच नाच करती है में कौन सा अलंकार है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं।’ में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा सी बहती है अब निशि -वासर’ में कौन सा अलंकार है
कबीरा सोई पीर है जो जानै पर पीर, जो पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर, में कौन सा अलंकार है
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान, तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान. इसमें कौन सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी में कौन सा अलंकार है
‘मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला – सा हुआ बोधित’ में कौन सा अलंकार है
हीन भय जल मीन अधीन में कौन सा अलंकार है
‘सपना-सपना समझ कर भूल न जाना’ में कौन सा अलंकार है
संसार की समर स्थली मे धीरता धारण करो, मे कौन सा अलंकार है
तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के में कौन सा अलंकार है
‘लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।’ में कौन सा अलंकार है
‘चमक गई चपला चम चम’ में कौन सा अलंकार है
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
‘तारा सो तरनि धूरि धारा मैं लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यो हलत है।’ में कौन सा अलंकार है
बाधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से। मणि वाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ था हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा में कौन सा अलंकार है
‘है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर। रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर।’ में कौन सा अलंकार है
जगी वनस्पतियां अलसाई मुह धोया शीतल जल से में कौन सा अलंकार है
कुंद इंदु सम देह, उमा रमन करुणा अयन में कौन सा अलंकार है
यह देखिये , अरविन्द – शिशु वृन्द कैसे सो रहे।’ में कौन सा अलंकार है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
जननी तू जननी भई,विधि सन कछु ना बसाय, में कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
जिस वीरता से शत्रुओं का सामना उसने किया। असमर्थ हो उसके कथन में मौन वाणी ने लिया।’ में कौन सा अलंकार है
‘मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों’ में कौन सा अलंकार है
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी ,बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन-सा अलंकार है
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा में कौन सा अलंकार है
‘प्रश्न चिन्हों में उठी हैं भाग्य-सागर की हिलोंरे।’ में कौन सा अलंकार है
शोभा-सिंधु ना अंत रही है।’ में कौन सा अलंकार है
‘आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै। गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै।’ में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़े।’ में कौन सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
‘दादुर धुनि चहुँ दिशा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई ।’ में कौन सा अलंकार है
राम रमापति कर धनु लेहू में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
दृग पग पोंछन को करे भूषन पायंदाज में कौन सा अलंकार है
‘हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।’ में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
लो हरित धरा से झांक रही, नीलम की कली, तीसी नीली।’ में कौन सा अलंकार है
‘नील गगन-सा शांत हृदय था सो रहा।’ में कौन सा अलंकार है
लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी में कौन सा अलंकार है
मार सुमार करी डरी,मरी मरीहि न मारि में कौन सा अलंकार है
शेष, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेश हि जाहि निरंतर गावै में कौन सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
'छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
वृंदावन विहरत फिरै राधा नंद किशोर में कौन सा अलंकार है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
‘हाय फूल सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी थी।’ में कौन सा अलंकार है
दान-परसु बुधि-शक्ति प्रचंडा , बर-बिज्ञान कठिन कोदण्डा।’ में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
ध्वनि मयी कर के गिरि-कंदरा, कलित-कानन-केलि-निकुंज को,में कौन सा अलंकार है
नभ पर चमचम चपला चमकी में कौन सा अलंकार है
‘श्रद्धानत तरुओं की अंजली से झरे पात, कोंपल के मूंदे नयन थर-थर-थर पुलकगात।’ में कौन सा अलंकार है
काली घटा का घमंड घटा, नभ तारक मंडलवृंद खिले मैं कौन सा अलंकार है