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अनेकार्थी शब्द

अनेकार्थी शब्द से अभिप्राय ऐसे शब्दों से है जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। हिंदी व्याकरण में यह विषय उन शब्दों को संदर्भित करता है जिनका प्रयोग अलग-अलग संदर्भों में भिन्न-भिन्न अर्थों के लिए किया जाता है।

विशेषकर कविता या साहित्य को समझते समय, छात्रों के लिए शब्दों के विभिन्न अर्थों को जानना आवश्यक होता है ताकि वे भावार्थ को ठीक से समझ सकें। हिंदी भाषा में ऐसे कई शब्द हैं। नीचे अनेकार्थी शब्दों की परिभाषा और उनके कुछ प्रमुख उदाहरण दिए गए हैं:

महत्वपूर्ण अनेकार्थी शब्द और उनके विभिन्न अर्थ

अवतरण: उतरना, जन्म लेना (अवतार), उद्धरण (किसी लेख का अंश)।

अनंत: अंतहीन, नित्य, बहुत अधिक, शेषनाग, आकाश, विष्णु, बाजूबंद।

लहर: तरंग, पानी की उठान, भाव या विचार की प्रवृत्ति।

निश्चय: निर्णय, दृढ़ संकल्प, विश्वास।

चपला: बिजली, चंचल स्त्री, लक्ष्मी।

गण: समूह, देवताओं का समुदाय, संख्या।

कंटक: काँटा, बाधा, शत्रु।

कूट: पहाड़ की चोटी, छल, रहस्य।

अभिधान: नाम, शब्दकोश, संज्ञा।

आँख: नेत्र, सुई का छेद, पानी का स्रोत।

कलापिनी: मोरनी, रात्रि, कला से युक्त स्त्री।

ऊर्मि: लहर, भावना की तरंग, नदी की उठान।

कोष: भंडार, शब्दकोश, खजाना।

कलापी: मोर, शिव, कलाकार।

कांत: प्रिय, पति, सुंदर।

कशिपु: गद्दा, मुलायम आसन, राक्षस (हिरण्यकशिपु)।

उरु: जाँघ, विशाल, विस्तृत।

कलत्र: पत्नी, स्त्री, गृहलक्ष्मी।

कपिल: ऋषि कपिल, अग्नि, भूरा रंग।

कपि: वानर, सूर्य, बुद्धिमान व्यक्ति।

अर्भ: बालक, अल्प, छोटा।

जया: विजय, दुर्गा, पत्नी।

चक्री: विष्णु, राजा, पहिया चलाने वाला।

जातरूप: स्वर्ण, सोना, शुद्ध धातु।

धनञ्जय: अर्जुन, अग्नि, विजय प्राप्त करने वाला।

नलिनी: कमलिनी, सरोवर, सुंदरी।

नंदिनी: पुत्री, गाय, दुर्गा।

अर्णव: समुद्र, जलराशि, विशाल समूह।

आराम: विश्राम, सुख, बगीचा।

अहि: सर्प, पाप, दैत्य।

द्रोण: पात्र, गुरु द्रोण, मापक।

अंकोर: अंकुर, आरंभ, प्रारंभिक अवस्था।

अश्म: पत्थर, पर्वत, कठोर वस्तु।

दुर्दर: कठिन, भयंकर, असह्य।

नीलकण्ठ: शिव, मोर, एक पक्षी।

केहरी: सिंह, वीर पुरुष, बलवान।

ताल: वृक्ष, लय, झील।

जीवन: प्राण, आयु, जीविका।

अरुण लोचन: सूर्य, कमल नेत्र, विष्णु।

कलधौत: सोना, स्वर्ण आभूषण, शुद्ध धातु।

अलि: भौंरा, मित्र, आँख।

अंबर: आकाश, वस्त्र, सुगंधित पदार्थ।

अमृत: अमरत्व देने वाला रस, दूध, जल।

अर्क: सूर्य, आक का पौधा, किरण।

अचल: पर्वत, स्थिर, अडिग व्यक्ति।

अदिति: देवमाता, पृथ्वी, स्वतंत्रता।

अंब: पिता, जल, आम।

किसान (तत्सम): कृषक।

हीन: न्यून, तुच्छ, रहित।

हिलाना: कंपित करना, डगमगाना, विचलित करना।

हस्ती: हाथी, राजा, शक्तिशाली व्यक्ति।

हरकत: क्रिया, चेष्टा, शरारत।

हर: शिव, विष्णु, हरण करने वाला।

हंस: पक्षी, आत्मा, विवेकी व्यक्ति।

स्वर: ध्वनि, स्वराक्षर, संगीत का सुर।

स्थिर: अचल, दृढ़, शांत।

सूर: देवता, योद्धा, सूर्य।

सूत्र: धागा, नियम, गणितीय नियम।

सूत: धागा, सारथी, वस्त्र निर्माणकर्ता।

सुवर्ण: सोना, सुंदर रंग, श्रेष्ठ।

सुरभि: सुगंध, गाय, पृथ्वी।

सीधा: सरल, बिना मोड़ का, ईमानदार।

सिलसिला: क्रम, परंपरा, श्रृंखला।

सिरा: अंत, नोक, शीर्ष।

सिद्ध: पूर्ण, योगी, प्रमाणित।

सार: निष्कर्ष, तत्व, बल।

सारंग: हिरण, मेघ, विष्णु।

साफ: स्वच्छ, स्पष्ट, ईमानदार।

साधना: अभ्यास, उपासना, प्रयास।

साधन: उपकरण, उपाय, साधक।

सही: ठीक, सत्य, न्यायोचित।

सवारी: वाहन, चढ़ना, घुड़सवार/यात्री।

सरल: सीधा, आसान, निष्कपट।

सरदार: नेता, मुखिया, प्रधान।

सधना: सिद्ध होना, पूरा होना, अभ्यास से प्राप्त करना।

संस्कार: शुद्धि, परंपरा, नैतिक शिक्षा।

संबंध: रिश्ता, संपर्क, लगाव।

संधि: मेल, संयोग, व्याकरणिक जोड़।

संज्ञा: नाम, पहचान, व्याकरण का भेद।

संकोच: झिझक, संक्षेप, कमी।

शुद्ध: पवित्र, सही, मिलावट रहित।

शिव: कल्याण, महादेव, मंगल।

शक्ति: बल, सामर्थ्य, देवी।

व्यवहार: आचरण, लेन-देन, प्रयोग।

वेला: समय, अवसर, सीमा।

वृत्त: गोलाकार, चरित्र, समाचार।

विषय: प्रसंग, अध्ययन का क्षेत्र, इंद्रिय-वस्तु।

विषम: असमान, कठिन, विपरीत।

विवेचन: व्याख्या, विश्लेषण, चर्चा।

विलक्षण: अद्भुत, भिन्न, असामान्य।

विभूति: ऐश्वर्य, भस्म, चमत्कारिक शक्ति।

विधि: तरीका, नियम, पूजा।

विग्रह: मूर्ति, झगड़ा, समास-विच्छेद।

वार: दिन, प्रहार, अवसर।

वर्ण: रंग, अक्षर, जाति।

वर: दूल्हा, श्रेष्ठ, वरदान।

वन: जंगल, समूह, जल।

लहर: तरंग, भाव, गति।

लगाना: जोड़ना, रोपना, आरोप करना।

लगना: स्पर्श होना, आरंभ होना, प्रतीत होना।

लक्ष्य: उद्देश्य, निशाना, ध्यान।

रुख: दिशा, दृष्टिकोण, पेड़ का तना।

रसाल: आम का पेड़, मधुर, काव्य-गुण।

रस: स्वाद, भावना, काव्य-तत्व।

रक्त: खून, लाल रंग, संबंध।

रंग: वर्ण, आनंद, प्रभाव।

योग: मिलन, उपाय, साधना।

युक्ति: उपाय, तरकीब, तर्क।

युक्त: जुड़ा हुआ, उचित, मिला हुआ।

मोहर: मुद्रा, मुहर, घोड़े का दाँत।

मूल: जड़, आधार, कीमत।

मूक: गूंगा, चुप, न बोलने वाला।

मुद्रा: सिक्का, भाव-भंगिमा, योगासन।

मुङना: बंद होना, ढकना, सिकुड़ना।

मिलाना: जोड़ना, मिश्रित करना, परिचय कराना।

मित्र: दोस्त, सूर्य, ग्रह।

माया: भ्रम, शक्ति, धन-संपत्ति।

मान: सम्मान, माप, अभिमान।

महीधर: पर्वत, राजा, शिव।

महावीर: हनुमान, जैन तीर्थंकर, अत्यंत वीर।

मर्य: सीमा, प्रतिष्ठा, नियम।

मधु: शहद, वसंत, मीठा।

मंत्र: जप, उपाय, सलाह।

मंडल: वृत्त, समूह, क्षेत्र।

भोग: उपभोग, भोजन, कर्मफल।

भेद: अंतर, रहस्य, प्रकार।

भूत: प्राणी, अतीत, पंचमहाभूत।

भुनाना: भूनना, लाभ उठाना, भोगना।

भाव: भावना, मूल्य, अर्थ।

भगवान: ईश्वर, स्वामी, श्रेष्ठ व्यक्ति।

बैठक: सभा, बैठक स्थान, संवाद।

बिजली: विद्युत, आकाशीय चमक, तीव्रता।

बिंदी: ललाट-चिह्न, बिंदु, निशान।

बाबा: पिता, साधु, वृद्ध पुरुष।

बहना: प्रवाहित होना, बहन, निकल जाना।

बलि: त्याग, आहुति, चढ़ावा।

बल: शक्ति, सेना, दबाव।

बनाना: रचना करना, तैयार करना, छल करना।

बढ़ना: उन्नति होना, आगे जाना, फैलना।

बट्टा: धब्बा, कमी, सौदे की कटौती।

बचाना: रक्षा करना, संग्रह करना, टालना।