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‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है

‘beeti Vibhavari Jaag Ri, Ambar Panghat Mein Dubo Rahi, Tara Ghat Usha Nagari : ‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में रूपक अलंकार है।