इस करुणा कलित विकल रागिनी हृदय में आनी बजती में छेकानुप्रास अलंकार है।
मुदित महीपति मंदिर आए। ...में अलंकार है
इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती में कौन सा अलंकार है
है जन्म लेते जगह में एक ही में कौन सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
भर लाऊं सीपी में सागर प्रिय में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है।
अंबर के तारे मानो मोती अनगन है में कौन सा अलंकार है
जिसके हृदय में ममता न हो अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला’ में कौन सा अलंकार है
‘माला फेरत जुग भया, मिटा न मनका फेर, कर का मनका डारि के मन का मनका फेर।’ में कौन सा अलंकार है
खुले कोरे पृष्ठ जैसा वही उज्ज्वल, वही पावन रूप में कौन-सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी। मिली न तेरे मुख की उपमा, देखी वसुधा सारी में कौन सा अलंकार है
मजबूत शिला-सी दृढ़ छाती में कौन-सा अलंकार है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
जिसके हृदय में ममता नहीं है अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।’ में कौन सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
बाँधा था विधु को किसने इन काली ज़ंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
मैं बरजी कै बार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।’ में कौन सा अलंकार है
ले चला साथ मैं तुझे कनक ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक में कौन सा अलंकार है
सिंधु-सा विस्तृत और अथाह एक निर्वासित का उत्साह में कौन-सा अलंकार है
वाक्य-गयान अत्यंत निपुन भव-पार न पावै कोई।’ में कौन सा अलंकार है
नही पराग नहिं मधुर मधु में कौन सा अलंकार है
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी में कौन-सा अलंकार है
‘दादुर धुनि चहुँ दिशा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई ।’ में कौन सा अलंकार है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
तारावलि-सी मृदु मुसकान में कौन-सा अलंकार है
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों में कौन सा अलंकार है
जानति सौति अनीति है में कौन सा अलंकार है
पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय में कौन सा अलंकार है
सहसबाहु सम रिपु मोरा।’ में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
दुख इस मानव-आत्मा का रे में कौन सा अलंकार है
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग में कौन सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
नभ पर चमचम चपला चमकी में कौन सा अलंकार है
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान, तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान. इसमें कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
मन-सागर मनसा लहरि बूड़े-बहे अनेक में कौन सा अलंकार है
जननी तू जननी भई,विधि सन कछु ना बसाय, में कौन सा अलंकार है
‘हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।’ में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
ईस भजनु सारथी-सुजाना , बिरति-वर्म संतोष कृपाना।’ में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली ,कमल कोमल क्र में सप्रीत।’ में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
जिसके हृदय में दया नहीं है अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
मानव हृदय में कितने कक्ष (चैम्बर) होते हैं
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
मुख मानो चंद्रमा है में कौन सा अलंकार है
राम हृदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहि में कौन सा अलंकार है
बिधि निषेधमय कलिमल हरनी में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन सा अलंकार है
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में। में कौन सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
‘दुख है जीवन-तरु के मूल।’ में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में कौन सा अलंकार है
‘आगे नदियां पड़ी अपार घोडा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार।’ में कौन सा अलंकार है
नभ मंडल छाया मरुस्थल सा दल बाँध के अंधड़ आवे चला में कौन-सा अलंकार है
कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि,में कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
सारंग ले सारंग चली कर सारंग की ओट , सारंग झीनो देखकर सारंग कर गई चोट,में कौन सा अलंकार है
मानव हृदय में कक्ष की संख्या है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है