इसमें यमक अलंकार है.
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा सी बहती है अब निशि -वासर’ में कौन सा अलंकार है
पाहुन ज्यों आए हो गांव में शहर के में कौन सा अलंकार है
सिंधु-सा विस्तृत और अथाह एक निर्वासित का उत्साह में कौन-सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार की उत्पत्ति होती है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय मैं कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
‘लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।’ में कौन सा अलंकार है
‘मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला – सा हुआ बोधित’ में कौन सा अलंकार है
एक सुंदर सीप का मुँह था खुला में कौन सा अलंकार है
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु,में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।’ में कौन सा अलंकार है
लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी में कौन सा अलंकार है
राम हृदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहि में कौन सा अलंकार है
‘प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है।’ में कौन सा अलंकार है
‘हाय फूल सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी थी।’ में कौन सा अलंकार है
जिन दिन देखे वे कुसुम गई में कौन सा अलंकार है
नारी, नारी, नारी; इसकी छवि है सबसे प्यारी में कौन सा अलंकार है
केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास इसमें कौन सा अलंकार है
शेष, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेश हि जाहि निरंतर गावै में कौन सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
स्वारथु सुकृतु न, श्रमु वृथा में कौन सा अलंकार है
मुख मानो चंद्रमा है में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है।
बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
‘श्रद्धानत तरुओं की अंजली से झरे पात, कोंपल के मूंदे नयन थर-थर-थर पुलकगात।’ में कौन सा अलंकार है
सहसबाहु सम रिपु मोरा।’ में कौन सा अलंकार है
‘धीरे-धीरे उतर क्षितिज से आ बसंत-रजनी।’ में कौन सा अलंकार है
तारावलि-सी मृदु मुसकान में कौन-सा अलंकार है
रनित भृंग-घंटावली झरित दान-मधुनीर, मंद-मंद आवत चल्यो कुंजरु कुंज समीर,में कौन सा अलंकार है
है जन्म लेते जगह में एक ही में कौन सा अलंकार है
निर्धन के धन सी तुम आई में कौन-सा अलंकार है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
‘इस सोते संसार बीच, जगकर सजकर रजनीबाले।’ में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान, तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान. इसमें कौन सा अलंकार है
बाधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से। मणि वाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ था हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात में कौन सा अलंकार है
'छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
काली घटा का घमंड घटा, नभ तारक मंडलवृंद खिले मैं कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
‘बरसत बारिद बून्द गहि’ में कौन सा अलंकार है
बिधि निषेधमय कलिमल हरनी में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन में कौन-सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
‘मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों’ में कौन सा अलंकार है
‘नील गगन-सा शांत हृदय था सो रहा।’ में कौन सा अलंकार है
वे रहीम नर धन्य हैं में कौन सा अलंकार है
सारंग ले सारंग चली कर सारंग की ओट , सारंग झीनो देखकर सारंग कर गई चोट,में कौन सा अलंकार है
ले चला साथ मैं तुझे कनक ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक में कौन सा अलंकार है
‘दादुर धुनि चहुँ दिशा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई ।’ में कौन सा अलंकार है
मेरे नगपति! मेरे विशाल! में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
भर लाऊं सीपी में सागर प्रिय में कौन सा अलंकार है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
कर कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजती है, में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
‘माला फेरत जुग भया, मिटा न मनका फेर, कर का मनका डारि के मन का मनका फेर।’ में कौन सा अलंकार है
‘आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै। गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै।’ में कौन सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर में कौन सा अलंकार है
हीन भय जल मीन अधीन में कौन सा अलंकार है