इसमें यमक अलंकार है.
‘माला फेरत जुग भया, मिटा न मनका फेर, कर का मनका डारि के मन का मनका फेर।’ में कौन सा अलंकार है
बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए" में कौन सा अलंकार की उत्पत्ति होती है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
‘चमक गई चपला चम चम’ में कौन सा अलंकार है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
राम नाम मनि-दीप धरु, जीह देहरी दवार, एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास।’ में कौन सा अलंकार है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
नारी, नारी, नारी; इसकी छवि है सबसे प्यारी में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
पुलक प्रकट करती है धरती हरित तृणों की नोकों से, मानो झूम रहे हों तरु भी मंद पवन के झोंकों से में कौन सा अलंकार है
राम हृदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहि में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
वृंदावन विहरत फिरै राधा नंद किशोर में कौन सा अलंकार है
सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात में कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
ईस भजनु सारथी-सुजाना , बिरति-वर्म संतोष कृपाना।’ में कौन सा अलंकार है
‘ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।’ में कौन सा अलंकार है
अति मलिन वृषभानुकुमारी, अधोमुख रहति, उरध नहीं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी, छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी’ में कौन सा अलंकार है
‘प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है।’ में कौन सा अलंकार है
दिवस का समय, मेघ आसमान से उतर रही है, वह संध्या सुंदरी सी, धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में। में कौन सा अलंकार है
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी ,बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन-सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली, में कौन सा अलंकार है
एक सुंदर सीप का मुँह था खुला में कौन सा अलंकार है
‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।’ में कौन सा अलंकार है
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु,में कौन सा अलंकार है
‘प्रतिभट कटक कटीले केते काटि काटि’ में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
तारावलि-सी मृदु मुसकान में कौन-सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आए। ...में कौन सा अलंकार है
शेष, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेश हि जाहि निरंतर गावै में कौन सा अलंकार है
लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं।’ में कौन सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी। मिली न तेरे मुख की उपमा, देखी वसुधा सारी में कौन सा अलंकार है
‘सपना-सपना समझ कर भूल न जाना’ में कौन सा अलंकार है
‘है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर। रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।’ में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
मानहु विधि तन-अच्छ छवि स्वच्छ राखिजे काज में कौन सा अलंकार है
‘दुख है जीवन-तरु के मूल।’ में कौन सा अलंकार है
भर लाऊं सीपी में सागर प्रिय में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
उदित उदय गिरि-मंच पर रघुबर-बाल पतंग, बिकसे संत-सरोज सब हरषे लोचन-भृंग।’ में कौन सा अलंकार है
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
मार सुमार करी डरी,मरी मरीहि न मारि में कौन सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन इसमें कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
मंगन को देखि पट देत बार-बार है में कौन सा अलंकार है
कालिंदी कूल कदंब की डारन में कौन सा अलंकार है
तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है इसमें कौन सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार है
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के में कौन सा अलंकार है
कर कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजती है, में कौन सा अलंकार है
दृग पग पोंछन को करे भूषन पायंदाज में कौन सा अलंकार है
नही पराग नहिं मधुर मधु में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि,में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में कौन सा अलंकार है
मैंने उसको जब जब देखा लोहा देखा में कौन-सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा सी बहती है अब निशि -वासर’ में कौन सा अलंकार है
जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झरकर कुसुम में कौन सा अलंकार है