यमक अलंकार है.
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
सहसबाहु सम रिपु मोरा।’ में कौन सा अलंकार है
ईस भजनु सारथी-सुजाना , बिरति-वर्म संतोष कृपाना।’ में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं।’ में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय मैं कौन सा अलंकार है
मैंने उसको जब जब देखा लोहा देखा में कौन-सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
जननी तू जननी भई,विधि सन कछु ना बसाय, में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
‘सपना-सपना समझ कर भूल न जाना’ में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली ,कमल कोमल क्र में सप्रीत।’ में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन में कौन-सा अलंकार है
नभ पर चमचम चपला चमकी में कौन सा अलंकार है
कढ़त साथ ही म्यान तें, असि रिपु तन ते प्रान ।’ में कौन सा अलंकार है
या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी में कौन सा अलंकार है
‘खेदि -खेदि खाती दिह दारुन दलन की’ में कौन सा अलंकार है
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा में कौन सा अलंकार है
असंख्य कीर्ति रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी में कौन-सा अलंकार है
किसबी, किसान-कुल बनिक, भिखारी, भाट में कौन सा अलंकार है
मुख मानो चंद्रमा है में कौन सा अलंकार है
नारी, नारी, नारी; इसकी छवि है सबसे प्यारी में कौन सा अलंकार है
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में कौन सा अलंकार है
दीपक-सा जलना होगा में कौन-सा अलंकार है
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात में कौन सा अलंकार है
वे रहीम नर धन्य हैं में कौन सा अलंकार है
‘कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लानी।’ में कौन सा अलंकार है
‘आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै। गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै।’ में कौन सा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
नदियाँ जिनकी यशधारा-सी बहती हैं अब भी निशि वासर में कौन सा अलंकार है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
‘श्रद्धानत तरुओं की अंजली से झरे पात, कोंपल के मूंदे नयन थर-थर-थर पुलकगात।’ में कौन सा अलंकार है
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी में कौन-सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
‘कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।’ में कौन सा अलंकार है
‘प्रतिभट कटक कटीले केते काटि काटि’ में कौन सा अलंकार है
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में कौन सा अलंकार है
‘नील गगन-सा शांत हृदय था सो रहा।’ में कौन सा अलंकार है
तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के में कौन सा अलंकार है
रावनु रथी विरथ रघुवीरा’ में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
शेष, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेश हि जाहि निरंतर गावै में कौन सा अलंकार है
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
बाण नहीं पहुंचे शरीर तक शत्रु गिरे पहले ही भू पर में कौन सा अलंकार है
हरिपद कोमल-कमल से में कौन-सा अलंकार है
कुंद इंदु सम देह, उमा रमन करुणा अयन में कौन सा अलंकार है
‘है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर। रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर।’ में कौन सा अलंकार है
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़े।’ में कौन सा अलंकार है
अति मलिन वृषभानुकुमारी, अधोमुख रहति, उरध नहीं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी, छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी’ में कौन सा अलंकार है
‘प्रश्न चिन्हों में उठी हैं भाग्य-सागर की हिलोंरे।’ में कौन सा अलंकार है
वह शर इधर गांडीव धनुष से भिन्न जैसे ही हुआ में कौन सा अलंकार है
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।’ में कौन सा अलंकार है
जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झरकर कुसुम में कौन सा अलंकार है
‘हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।’ में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
'कुल कानन कुंडल मोर पुखा, उर पे बनमाल विराजति है में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अंदर रह न बारी, ऊँचे बोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा में कौन सा अलंकार है
'सुरभित सुन्दर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी में कौन सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर में कौन सा अलंकार है
पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय में कौन सा अलंकार है