maine Usko Jab Jab Dekha Loha Dekha : मैंने उसको जब जब देखा लोहा देखा में उपमा अलंकार है।
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है
मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में कौनसा पदार्थ नहीं बन पाता
दूध से दही बनाने में कौनसा बैक्टीरिया सहायक होता है
मैं बरजी कै बार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।’ में कौन सा अलंकार है
‘कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।’ में कौन सा अलंकार है
बाधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से। मणि वाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ था हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
कबीरा सोई पीर है जो जानै पर पीर, जो पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर, में कौन सा अलंकार है
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के में कौन सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार है
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में। में कौन सा अलंकार है
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौनसा स्थान है
हां मैं हूं वृक्ष ओ मेरे प्यारे बच्चों में कौन सा अलंकार है
या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी में कौन सा अलंकार है
रक्त का थक्का जमाने में कौनसा विटामिन सहायक होता है
तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में, कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए में कौन सा अलंकार है
मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला’ में कौन सा अलंकार है
राम रमापति कर धनु लेहू में कौन सा अलंकार है
‘तारा सो तरनि धूरि धारा मैं लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यो हलत है।’ में कौन सा अलंकार है
हरिपद कोमल-कमल से में कौन-सा अलंकार है
बाँधा था विधु को किसने इन काली ज़ंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
दूध को दही में कौनसा एन्जाइम परिवर्तित करता है
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु,में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
खुले कोरे पृष्ठ जैसा वही उज्ज्वल, वही पावन रूप में कौन-सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
मानहु विधि तन-अच्छ छवि स्वच्छ राखिजे काज में कौन सा अलंकार है
अंबर के तारे मानो मोती अनगन है में कौन सा अलंकार है
कनकटा में कौनसा समास है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
दूध में कौनसा विटामिन नहीं होता है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
वृंदावन विहरत फिरै राधा नंद किशोर में कौन सा अलंकार है
रक्त स्पन्दन में कौनसा विटामिन क्रियाशील होता है
नही पराग नहिं मधुर मधु में कौन सा अलंकार है
‘दुख है जीवन-तरु के मूल।’ में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
तारावलि-सी मृदु मुसकान में कौन-सा अलंकार है
रनित भृंग-घंटावली झरित दान-मधुनीर, मंद-मंद आवत चल्यो कुंजरु कुंज समीर,में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
एक सुंदर सीप का मुँह था खुला में कौन सा अलंकार है
‘है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर। रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर।’ में कौन सा अलंकार है
दृग पग पोंछन को करे भूषन पायंदाज में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा में कौन सा अलंकार है
नभ मंडल छाया मरुस्थल सा दल बाँध के अंधड़ आवे चला में कौन-सा अलंकार है
ले चला साथ मैं तुझे कनक ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक में कौन सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
दुख इस मानव-आत्मा का रे में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आए। ...में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
‘ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।’ में कौन सा अलंकार है
जगी वनस्पतियां अलसाई मुह धोया शीतल जल से में कौन सा अलंकार है
मरणासन्न में कौनसा समास है
नारी, नारी, नारी; इसकी छवि है सबसे प्यारी में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
काली घटा का घमंड घटा, नभ तारक मंडलवृंद खिले मैं कौन सा अलंकार है
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़े।’ में कौन सा अलंकार है
‘मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला – सा हुआ बोधित’ में कौन सा अलंकार है
स्वर्गप्राप्त में कौनसा समास है
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
पुलक प्रकट करती है धरती हरित तृणों की नोकों से, मानो झूम रहे हों तरु भी मंद पवन के झोंकों से में कौन सा अलंकार है
जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं, इसमें कौन सा अलंकार है
पंकज तो पंकज, मृगांक भी है मृगांक री प्यारी में कौन सा अलंकार है
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है