तारावलि-सी मृदु मुसकान में उपमा अलंकार है।
बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल में कौनसा अलंकार है
लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए में कौन सा अलंकार है
भजन कहो ताते भज्यो, भज्यो न एको बार में कौन सा अलंकार है
रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
पाहुन ज्यों आए हो गांव में शहर के में कौन सा अलंकार है
राम हृदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहि में कौन सा अलंकार है
‘है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर। रवि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर।’ में कौन सा अलंकार है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
पुरूषों में कौनसा हॉर्मोन प्रजनन के लिए उत्तरदायी है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार है
भारतीय इतिहास में कौनसा वंश पितृ हंता वंश के रूप में जाना जाता है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पर झीन में कौन सा अलंकार है
बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा में कौन सा अलंकार है
ले चला साथ मैं तुझे कनक ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक में कौन सा अलंकार है
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
कढ़त साथ ही म्यान तें, असि रिपु तन ते प्रान ।’ में कौन सा अलंकार है
कोलाहल बैठा सुल्तान में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़े।’ में कौन सा अलंकार है
दीपक-सा जलना होगा में कौन-सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
वैदिक काल में कौनसा जानवर ‘अघन्य’ माना जाता था
दिवस का समय, मेघ आसमान से उतर रही है, वह संध्या सुंदरी सी, धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
रावनु रथी विरथ रघुवीरा’ में कौन सा अलंकार है
‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले, या प्रलय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले।’ में कौन सा अलंकार है
‘खेदि -खेदि खाती दिह दारुन दलन की’ में कौन सा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
‘तारा सो तरनि धूरि धारा मैं लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यो हलत है।’ में कौन सा अलंकार है
सर्वज्ञ में कौनसा समास है
‘कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लानी।’ में कौन सा अलंकार है
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा में कौन सा अलंकार है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
अति मलिन वृषभानुकुमारी, अधोमुख रहति, उरध नहीं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी, छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी’ में कौन सा अलंकार है
मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
कुंद इंदु सम देह, उमा रमन करुणा अयन में कौन सा अलंकार है
हां मैं हूं वृक्ष ओ मेरे प्यारे बच्चों में कौन सा अलंकार है
मेरे नगपति! मेरे विशाल! में कौन सा अलंकार है
बाधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से। मणि वाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ था हीरों से।’ में कौन सा अलंकार है
‘जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।’ में कौन सा अलंकार है
उदित उदय गिरि-मंच पर रघुबर-बाल पतंग, बिकसे संत-सरोज सब हरषे लोचन-भृंग।’ में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच नाच करती है में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के में कौन सा अलंकार है
हमारे हरि हारिल की लकरी’ में कौन सा अलंकार है
कूकै लगी कोयल कदंबन पर बैठी फेरि।’ में कौन सा अलंकार है
यह देखिये , अरविन्द – शिशु वृन्द कैसे सो रहे।’ में कौन सा अलंकार है
‘नील गगन-सा शांत हृदय था सो रहा।’ में कौन सा अलंकार है
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
मानहु विधि तन-अच्छ छवि स्वच्छ राखिजे काज में कौन सा अलंकार है
कनकटा में कौनसा समास है
दूध में कौनसा विटामिन नहीं होता है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आए में कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
परहित सरिस धर्म नहिं भाई में कौन-सा अलंकार है
‘मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों’ में कौन सा अलंकार है
संसार की समर स्थली मे धीरता धारण करो, मे कौन सा अलंकार है
कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि,में कौन सा अलंकार है
‘दुख है जीवन-तरु के मूल।’ में कौन सा अलंकार है
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।’ में कौन सा अलंकार है
सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा में कौन सा अलंकार है
दान-परसु बुधि-शक्ति प्रचंडा , बर-बिज्ञान कठिन कोदण्डा।’ में कौन सा अलंकार है
‘लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।’ में कौन सा अलंकार है
जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झरकर कुसुम में कौन सा अलंकार है
मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में कौनसा पदार्थ नहीं बन पाता
मार सुमार करी डरी,मरी मरीहि न मारि में कौन सा अलंकार है
राम रमापति कर धनु लेहू में कौन सा अलंकार है