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‘प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है।’ में कौन सा अलंकार है

prakriti Ka Anurag-anchal Hil Raha Hai : ‘प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है।’ में  रूपक अलंकार है।

रूपक अलंकार निष्कर्ष - प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में रूपक अलंकार है। इस काव्य पंक्ति में यह कहा गया है कि प्रकृति का अनुराग रूपी आँचल उमग से हिल रहा है। इस पंक्ति में प्रकृति के प्रेम पर आँचल का आरोप किया गया है इसलिए यहाँ रुपक अलंकार है। दूसरे शब्दों में कहे तो प्रकृति के प्रेम और आँचल में कोई भेद नहीं किया गया है।