मुदित महीपति मंदिर आए। ...में अनुप्रास अलंकार है। .
मुदित महीपति मंदिर आए। ...में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
इस करुणा कलित विकल रागि हृदय में अनी बजती में अलंकार है
दान-परसु बुधि-शक्ति प्रचंडा , बर-बिज्ञान कठिन कोदण्डा।’ में कौन सा अलंकार है
हमारे हरि हारिल की लकरी’ में कौन सा अलंकार है
वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन में कौन-सा अलंकार है
सारंग ले सारंग चली कर सारंग की ओट , सारंग झीनो देखकर सारंग कर गई चोट,में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी में कौन-सा अलंकार है
‘हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।’ में कौन सा अलंकार है
हां मैं हूं वृक्ष ओ मेरे प्यारे बच्चों में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
मैं बरजी कै बार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।’ में कौन सा अलंकार है
‘आए महंत बसंत।’ में कौन सा अलंकार है
वे रहीम नर धन्य हैं में कौन सा अलंकार है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों में कौन सा अलंकार है
‘बरसत बारिद बून्द गहि’ में कौन सा अलंकार है
‘चमक गई चपला चम चम’ में कौन सा अलंकार है
‘मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों’ में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अंदर रह न बारी, ऊँचे बोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
काली घटा का घमंड घटा, नभ तारक मंडलवृंद खिले मैं कौन सा अलंकार है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली ,कमल कोमल क्र में सप्रीत।’ में कौन सा अलंकार है
हरिपद कोमल-कमल से में कौन-सा अलंकार है
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा में कौन सा अलंकार है
मजबूत शिला-सी दृढ़ छाती में कौन-सा अलंकार है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
रती-रती सोभा सब रति के शरीर की,मैं कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में कौन सा अलंकार है
केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास इसमें कौन सा अलंकार है
एक सुंदर सीप का मुँह था खुला में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
‘चाँद की सी उजली जाली’ में कौन सा अलंकार है
भर लाऊं सीपी में सागर प्रिय में कौन सा अलंकार है
‘कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लानी।’ में कौन सा अलंकार है
रनित भृंग-घंटावली झरित दान-मधुनीर, मंद-मंद आवत चल्यो कुंजरु कुंज समीर,में कौन सा अलंकार है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।’ में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
‘हाय फूल सी कोमल बच्ची, हुई राख की ढेरी थी।’ में कौन सा अलंकार है
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से, में कौन-सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
‘लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।’ में कौन सा अलंकार है
जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झरकर कुसुम में कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।’ में कौन सा अलंकार है
‘गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै।’ में कौन सा अलंकार है
बाण नहीं पहुंचे शरीर तक शत्रु गिरे पहले ही भू पर में कौन सा अलंकार है
मार सुमार करी डरी,मरी मरीहि न मारि में कौन सा अलंकार है
मेरे नगपति! मेरे विशाल! में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका चादर ओढ़े में कौन सा अलंकार है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहती है में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात में कौन सा अलंकार है
नही पराग नहिं मधुर मधु में कौन सा अलंकार है
‘रघुपति राघव राजा राम’ में कौन सा अलंकार है
सहसबाहु सम रिपु मोरा।’ में कौन सा अलंकार है
लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी में कौन सा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून में कौन सा अलंकार है
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।’ में कौन सा अलंकार है
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान, तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान. इसमें कौन सा अलंकार है
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर में कौन सा अलंकार है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु,में कौन सा अलंकार है
‘कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।’ में कौन सा अलंकार है
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के में कौन सा अलंकार है
कर कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजती है, में कौन सा अलंकार है