maaya Rikt Mein Samaas : माया रिक्त में अपादान तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - माया से रिक्त
देश-विदेश में समास है
ईश्वरदत्त में समास है
वाल्मीकिरचित में समास है
पाठशाला में समास है
गगनचुंबी में समास है
बाणाहत में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
पर्वतारोहण में समास है
तिल पापड़ी में समास है
क्रीड़ास्थल में समास है
आशातीत में समास है
देवदत्त में समास है
नरभक्षी में समास है
गिरिधर में समास है
दुकान प्रवेश में समास है
खरारि में समास है
व्यय मुक्त में समास है
जन्मांध में समास है
माखनचोर में समास है
जलपिपासु में समास है
कठफोड़ा में समास है
तारों भरी में समास है
हवन सामग्री में समास है
प्रेमाकुल में समास है
रंगमंच में समास है
सत्ताच्युत में समास है
देशभक्ति में समास है
गुरुदत्त में समास है
विचार लीन में समास है
स्थानच्युत में समास है
रण विमुख में समास है
शरणागत में समास है
दुःखद में समास है
देशगत में समास है
स्वरचित में समास है
कमरतोड़ में समास है
पंत प्रणीत में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
विद्याप्रवीण में समास है
विचार मग्न में समास है
कष्ट सहिष्णुता में समास है
पद प्राप्त में समास है
रेलयात्रा में समास है
वयःप्राप्त में समास है
गृहागत में समास है
गंगातट में समास है
संगीतज्ञ में समास है
लोकप्रिय में समास है।
प्रेमसिक्त रचित में समास है
परलोकगमन में समास है
मनगढंत में समास है
अमचूर में समास है
करुणापूर्ण में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
आटा-दाल में समास है
नककटा में समास है
जनप्रिय में समास है
आचारकुशल में समास है।
ध्यानमग्न में समास है
व्यक्तिगत में समास है
दानवीर में समास है
विकासोन्मुख में समास है
दयार्द्र में समास है
गुणहीन में समास है
नेत्रहीन में समास है
शराहत में समास है
राहखर्च में समास है
हितकारी में समास है।
गृहस्थ आश्रम में समास है
रसोईघर में समास है
अंगदान में समास है
मूर्तिकार में समास है
वाग्दत्ता में समास है
दस्तकारी में समास है
धर्मभ्रष्ट में समास है
विधि निर्माण में समास है
शपथ पत्र में समास है
कारावास में समास है
धनहीन में समास है