janapriy Mein Samaas Hai : जनप्रिय में कर्म तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - जन को प्रिय
गौशाला में समास है
गुणयुक्त में समास है
देशगत में समास है
शक्तिहीन में समास है
जलधर में समास है
शास्त्रप्रवीण में समास है
हथघड़ी में समास है
शोकाकुल में समास है
गुरु दक्षिणा में समास है
अग्निभक्षी में समास है
नककटा में समास है
बैलगाड़ी में समास है
अछूतोद्धार में समास है
आकालपीड़ित में समास है
नरश्रेष्ठ में समास है
विद्याधर में समास है
कष्ट साध्य में समास है
दुःखद में समास है
संकटापन्न में समास है
बंधन मुक्त में समास है
आज्ञानुसार में समास है
प्रयोगशाला में समास है
पददलित में समास है
कपड़छन में समास है
समाचार पत्र में समास है
ज्वरग्रस्त में समास है
मंत्रीवर में समास है
कनकटा में समास है
मेघाच्छन्न में समास है
मदमस्त में समास है
मुंहतोड़ में समास है
माखनचोर में समास है
रेलगाड़ी में समास है
हितकारी में समास है।
जग सुहाता में समास है
स्थानच्युत में समास है
लोकप्रिय में समास है।
भार रहित में समास है
सर्वज्ञ में समास है
कपड़छन में समास है
सभा भवन में समास है
सूररचित में समास है
सिर तोड़ में समास है
ज्ञानयुक्त में समास है
सजा मुक्त में समास है
चरित्र चित्रण में समास है
तिलकुट में समास है
शरणागत में समास है
ग्रंथकार में समास है
मुहमांगा में समास है
खरारि में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
देवबली में समास है
कर्महीन में समास है
आटा-दाल में समास है
पर्णकुटीर रचित में समास है
घृतान्न में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
नेत्रहीन में समास है
कामचोर में समास है
क्षुधातुर में समास है
चित्रकार में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
देशाटन में समास है
आशातीत में समास है
स्याही चूस में समास है
घुड़दौड़ में समास है
फला वेष्टित में समास है
प्रेमसिक्त रचित में समास है
वनवास में समास है
कठफोड़वा में समास है
राहखर्च में समास है
क्रीड़ास्थल में समास है
जन्मांध में समास है
भाग्यहीन में समास है
विद्याप्रवीण में समास है
जगबीती में समास है
तिलचट्टा में समास है
नीतिकुशल में समास है