braahman Dakshina Mein Samaas : ब्राह्मण दक्षिणा में समास है।
समास विग्रह - ब्राह्मण के लिए दक्षिणा
विचार मग्न में समास है
वनवास में समास है
विचार लीन में समास है
पुरुषोत्तम में समास है
रसभरा में समास है
कर्णफूल में समास है
गृहागत में समास है
श्रमजीवी में समास है
वन गमन में समास है
जलपिपासु में समास है
विद्याप्रवीण में समास है
क्षुधातुर में समास है
नगर निवास में समास है।
स्वयंसिद्ध में समास है
रसोईघर में समास है
वाग्युद्ध में समास है
जलसिक्त में समास है
पददलित में समास है
करुणापूर्ण में समास है
धर्म विमुख में समास है
समाचार पत्र में समास है
रथचालक में समास है
स्नेहा बिष्ट में समास है
परलोकगमन में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
जलमग्न में समास है
रोजगार वंचित में समास है
नककटा में समास है
कष्टापन्न में समास है
शोकाकुल में समास है
मंत्रीवर में समास है
शहरगत में समास है
यशोदा में समास है
हस्तलिखित में समास है
अनलदग्ध में समास है
व्यवहारकुशल में समास है
सर्वभक्षी में समास है
पथभ्रष्ट में समास है
देशाटन में समास है
विद्या रहित में समास है
घृतमिश्रित में समास है
अत्रदान में समास है
तुलसी कृत में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
कठफोड़वा में समास है
पर्वतारोहण में समास है
सुखप्राप्त में समास है
ग्रामगत में समास है
मार्गव्यय में समास है
रोगमुक्त में समास है
आँखोंदेखी में समास है
घृतान्न में समास है
ऋणमुक्त में समास है
पतित पावन में समास है
भयाकुल में समास है
अंधकारयुक्त में समास है
स्नानघर में समास है
देशभक्ति में समास है
चिड़ीमार में समास है
रथारूढ़ में समास है
मुहमांगा में समास है
उद्योगपति में समास है
जनप्रिय में समास है
बैलगाड़ी में समास है
अन्नहीन में समास है
अश्वमेध में समास है
घुड़सवार में समास है
फलहीन में समास है
शोकग्रस्त में समास है
मनगढंत में समास है
चिंतामग्न में समास है
मदमाता में समास है
शरणागत में समास है
आनन्दाश्रम में समास है
वनरहित में समास है
सेवा मुक्त में समास है
मदमस्त में समास है
सभा भवन में समास है
वाल्मीकिरचित में समास है
व्यक्तिगत में समास है