braahman Dakshina Mein Samaas : ब्राह्मण दक्षिणा में समास है।
समास विग्रह - ब्राह्मण के लिए दक्षिणा
गुणहीन में समास है
शिवार्पण में समास है
अंधकारयुक्त में समास है
जन्मांध में समास है
राहखर्च में समास है
शोकाकुल में समास है
विद्या रहित में समास है
चन्द्रोदय में समास है
क्षुधातुर में समास है
देशाटन में समास है
व्यय मुक्त में समास है
पथभ्रष्ट में समास है
वीरकन्या में समास है
आज्ञानुसार में समास है
सिर तोड़ में समास है
माखनचोर में समास है
गुरुसेवा में समास है
मरणातुर में समास है
ग्रंथकार में समास है
जलाभिषेक में समास है
गिरिधर में समास है
दस्तकारी में समास है
मदमस्त में समास है
विधि निर्माण में समास है
डाकगाड़ी में समास है
सूररचित में समास है
अमचूर में समास है
मोहांध में समास है
जलहीन में समास है
गगनचुंबी में समास है
घृतान्न में समास है
जलमग्न में समास है
भार रहित में समास है
देशभक्ति में समास है
जनप्रिय में समास है
रसभरा में समास है
सर्वभक्षी में समास है
चिंतामग्न में समास है
सत्याग्रह में समास है
स्वयंसिद्ध में समास है
जलधारा में समास है
कष्ट सहिष्णुता में समास है
सत्ताच्युत में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
घुड़सवार में समास है
आचारकुशल में समास है।
शराहत में समास है
सिरदर्द में समास है
ईश्वरदत्त में समास है
नरश्रेष्ठ में समास है
दिलतोड़ में समास है
नियमबद्ध में समास है
वनरहित में समास है
रसोईघर में समास है
अग्निभक्षी में समास है
सर्वज्ञ में समास है
जितेन्द्रिय में समास है
कठफोड़ा में समास है
रेलगाड़ी में समास है
कंटकाकीर्ण में समास है
विद्युत मापी में समास है
ग्रामवास में समास है
भयाकुल में समास है
जलज में समास है
स्वर्ग प्राप्त में समास है।
चिड़ीमार में समास है
रोगग्रस्त में समास है
धर्मभ्रष्ट में समास है
दुकान प्रवेश में समास है
नीतिकुशल में समास है
ग्रामोद्धार में समास है
देवालय में समास है
शास्त्रप्रवीण में समास है
कठखोदवा में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
बंधन मुक्त में समास है
अनलदग्ध में समास है