rajbhavan Mei Samas Hai : राजभवन में समास सम्बन्ध तत्पुरुष समास है।
नककटा में समास है
मुनिश्रेष्ठ में समास है
शास्त्रप्रवीण में समास है
जन्मरोगी में समास है
गृहस्थ आश्रम में समास है
विधि निर्माण में समास है
जलावृत में समास है
तुलसी कृत में समास है
कष्ट सहिष्णुता में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
गुरुसेवा में समास है
जलमग्न में समास है
तर्कसंगत में समास है
देवालय में समास है
स्याही चूस में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
परलोकगमन में समास है
विधान भवन में समास है
गुरुदक्ष में समास है
मदांध में समास है
रसभरा में समास है
धर्म विमुख में समास है
ऋणमुक्त में समास है
देशभक्ति में समास है
जलधारा में समास है
कपड़छन में समास है
रोगमुक्त में समास है
आनन्दाश्रम में समास है
जलधर में समास है
रेलयात्रा में समास है
बलहीन में समास है
सर्वज्ञ में समास है
उद्योगपति में समास है
वीरकन्या में समास है
कष्ट साध्य में समास है
विश्राम गृह में समास है
खरारि में समास है
लक्ष्य भ्रष्ट में समास है।
जितेन्द्रिय में समास है
व्यक्तिगत में समास है
क्षुधातुर में समास है
रामायण में समास है
संगीतज्ञ में समास है
अत्रदान में समास है
रथचालक में समास है
धनहीन में समास है
चित्त चोर में समास है
पंत प्रणीत में समास है
चिड़ीमार में समास है
पुत्र शोक में समास है
अन्नहीन में समास है
चिंतामग्न में समास है
नरभक्षी में समास है
जलज में समास है
घृतमिश्रित में समास है
कपड़छन में समास है
कर्महीन में समास है
सुखप्राप्त में समास है
स्वागत गान में समास है
मोहांध में समास है
विकासोन्मुख में समास है
रण विमुख में समास है
कनकघर में समास है
कलंकयुक्त में समास है
दूरागत में समास है
रथारूढ़ में समास है
ग्रामगत में समास है
स्वयंसिद्ध में समास है
जेबकतरा में समास है
कर्मवीर में समास है
दस्तकारी में समास है
मनगढंत में समास है
भयभीत में समास है
स्थानच्युत में समास है
आमरस में समास है
व्यय मुक्त में समास है
भयाकुल में समास है
मार्गव्यय में समास है
लोकहितकारी में समास है