guru Dakshina Mein Samaas : गुरु दक्षिणा में सम्प्रदान तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - गुरु के लिए दक्षिणा
तर्कसंगत में समास है
मोहांध में समास है
शहरगत में समास है
गुणहीन में समास है
बंधन मुक्त में समास है
यशप्राप्त में समास है
कपड़छन में समास है
मनचाहा में समास है
लक्ष्य भ्रष्ट में समास है।
धर्म विमुख में समास है
आनंदाश्रम में समास है
कष्ट साध्य में समास है
अंगदान में समास है
दूरागत में समास है
रसोईघर में समास है
व्यवहारकुशल में समास है
ज्वरग्रस्त में समास है
आराम कुर्सी में समास है
मरणोत्तर में समास है
गृहस्वामी में समास है
अश्वमेध में समास है
नककटा में समास है
पुरुषोत्तम में समास है
कठखोदवा में समास है
मनगढंत में समास है
कर्ज मुक्त में समास है
ऋणमुक्त में समास है
मदमाता में समास है
देवदत्त में समास है
अनलदग्ध में समास है
विद्युत मापी में समास है
विवाहेतर में समास है
आचारकुशल में समास है।
दानवीर में समास है
समाचार पत्र में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
कष्टापन्न में समास है
सर्वज्ञ में समास है
वनवास में समास है
दुकान प्रवेश में समास है
करुणापूर्ण में समास है
भार रहित में समास है
उत्कंठापूर्ण में समास है।
जलधर में समास है
दहीबड़ा में समास है
पददलित में समास है
स्थान भ्रष्ट में समास है
ध्यानमग्न में समास है
सजा मुक्त में समास है
जेबकतरा में समास है
नीतिकुशल में समास है
यशोदा में समास है
ग्रामोद्धार में समास है
खरारि में समास है
कर्मरहित में समास है
खड्गधर में समास है
धनहीन में समास है
दुःखद में समास है
नियमबद्ध में समास है
भाग्यहीन में समास है
देशनिर्वासित में समास है
जन्मरोगी में समास है
तीर्थाटन में समास है
स्वर्गगत में समास है।
जन्मांध में समास है
गुणयुक्त में समास है
काकबलि में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
शिवार्पण में समास है
धर्मभ्रष्ट में समास है
विकासोन्मुख में समास है
वाग्दत्ता में समास है
विद्याधर में समास है
स्थानच्युत में समास है
देशगत में समास है
पद भ्रष्ट में समास है
विद्या रहित में समास है
शरणागत में समास है