guru Dakshina Mein Samaas : गुरु दक्षिणा में सम्प्रदान तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - गुरु के लिए दक्षिणा
नेत्रहीन में समास है
फला वेष्टित में समास है
बैलगाड़ी में समास है
गगनचुंबी में समास है
अंगदान में समास है
विश्राम गृह में समास है
स्थानच्युत में समास है
स्वरचित में समास है
शराहत में समास है
कन्यादान में समास है
शिवार्पण में समास है
मार्गव्यय में समास है
दहीबड़ा में समास है
तिलकुट में समास है
ऋणमुक्त में समास है
विचार मग्न में समास है
पुत्र शोक में समास है
गठकटा में समास है
दुःख संतप्त में समास है
गृहागत में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
शहरगत में समास है
तर्कसंगत में समास है
जलधारा में समास है
जितेन्द्रिय में समास है
मंत्रीवर में समास है
हथकड़ी में समास है
जलाभिषेक में समास है
देवदत्त में समास है
पुरुषोत्तम में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
जलज में समास है
मेघाच्छन्न में समास है
उत्कंठापूर्ण में समास है।
कष्ट सहिष्णुता में समास है
वनवास में समास है
जीवन मुक्त में समास है
रक्तरंजित में समास है
संकटापन्न में समास है
दस्तकारी में समास है
तुलसी कृत में समास है
स्नेहा बिष्ट में समास है
पदच्युत में समास है
जेबकतरा में समास है
कामचोर में समास है
देहचोर में समास है
सजा मुक्त में समास है
कर्णफूल में समास है
धर्माध में समास है
अमचूर में समास है
साधु दक्षिणा में समास है
आटा-दाल में समास है
गिरिधर में समास है
सुखप्राप्त में समास है
अछूतोद्धार में समास है
पर्वतारोहण में समास है
गंगाजल में समास है
लक्ष्य भ्रष्ट में समास है।
स्याही चूस में समास है
भाग्यहीन में समास है
शरणागत में समास है
दानवीर में समास है
रथचालक में समास है
अनलदग्ध में समास है
स्थान भ्रष्ट में समास है
श्रमदान में समास है
स्वागत गान में समास है
दूरागत में समास है
पक्षधर में समास है
लोकहितकारी में समास है
कर्मरहित में समास है
पतित पावन में समास है
तिल पापड़ी में समास है
शहरवास में समास है
ग्रामोद्धार में समास है
क्षुधातुर में समास है
विद्याधर में समास है
गिरहकट में समास है