svargapraapt Mein Samaas : स्वर्गप्राप्त में कर्म तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - स्वर्ग को प्राप्त
जलधारा में समास है
रोगमुक्त में समास है
जनप्रिय में समास है
खड्गधर में समास है
सत्याग्रह में समास है
कंटकाकीर्ण में समास है
पुरुषोत्तम में समास है
जलावृत में समास है
संकटापन्न में समास है
आनंदाश्रम में समास है
जलज में समास है
गंगाजल में समास है
उद्योगपति में समास है
विचार मग्न में समास है
शहरगत में समास है
नियमबद्ध में समास है
पद प्राप्त में समास है
देशगत में समास है
गिरहकट में समास है
गिरिधर में समास है
अग्निभक्षी में समास है
गठकटा में समास है
प्राप्तोदक रचित में समास है
वीरकन्या में समास है
शोकाकुल में समास है
पद भ्रष्ट में समास है
दुःख संतप्त में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
सम्मान प्राप्त में समास है
भयाकुल में समास है
कनकघर में समास है
लोकहितकारी में समास है
दुःखद में समास है
देवालय में समास है
सर्वज्ञ में समास है
मनगढंत में समास है
मरणासन्न में समास है
गृहागत में समास है
सर्वव्याप्त में समास है
व्यक्तिगत में समास है
शरणागत में समास है
सजा मुक्त में समास है
जलमग्न में समास है
सभा भवन में समास है
कष्टापन्न में समास है
आमरस में समास है
कलंकयुक्त में समास है
पर्वतारोहण में समास है
अनलदग्ध में समास है
गुरु दक्षिणा में समास है
पक्षधर में समास है
राहखर्च में समास है
जन्मांध में समास है
कर्मवीर में समास है
देशनिर्वासित में समास है
मनोहर में समास है
श्रमदान में समास है
गंगातट में समास है
कपड़छन में समास है
डिब्बाबंद में समास है
मरणोत्तर में समास है
स्वागत गान में समास है
मुनिश्रेष्ठ में समास है
क्रीड़ास्थल में समास है
अमृतधारा में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
अकाल पीड़ित में समास है
पतित पावन में समास है
ब्राह्मण दक्षिणा में समास है
माया रिक्त में समास है
पंत प्रणीत में समास है
गृहस्थ आश्रम में समास है
प्रेमातुर में समास है
रसभरा में समास है
ग्रामगत में समास है
धनहीन में समास है
कुंभकार में समास है।
दूरागत में समास है
मदमस्त में समास है