इसमें यमक अलंकार है.
बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है
‘तब बहता समय शिला सा जम जायेगा’ में कौन सा अलंकार है
मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग में कौन सा अलंकार है
नगन जड़ाती थी वे नगन जड़ाती है, में कौन सा अलंकार है
गिरिधर नार नवावति में कौन सा अलंकार है
अमिय मूरिमय चूरन चारु समन सकल भव रुज परिवारु में कौन सा अलंकार है
‘जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से’ में कौन सा अलंकार है
ईस भजनु सारथी-सुजाना , बिरति-वर्म संतोष कृपाना।’ में कौन सा अलंकार है
कढ़त साथ ही म्यान तें, असि रिपु तन ते प्रान ।’ में कौन सा अलंकार है
"तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये" में कौन सा अलंकार है
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा में कौन सा अलंकार है
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में कौन सा अलंकार है
राम नाम मनि-दीप धरु, जीह देहरी दवार, एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास।’ में कौन सा अलंकार है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
कोलाहल बैठा सुल्तान में कौन सा अलंकार है
वह शर इधर गांडीव धनुष से भिन्न जैसे ही हुआ में कौन सा अलंकार है
‘मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला – सा हुआ बोधित’ में कौन सा अलंकार है
जो रहीम गति दीप की में कौन सा अलंकार है
‘शशि-मुख पर घूंघट डाले।’ में कौन सा अलंकार है
दान-परसु बुधि-शक्ति प्रचंडा , बर-बिज्ञान कठिन कोदण्डा।’ में कौन सा अलंकार है
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात में कौन सा अलंकार है
निपट निरंकुस निठुर निसंकू में कौन सा अलंकार है
‘प्रश्न चिन्हों में उठी हैं भाग्य-सागर की हिलोंरे।’ में कौन सा अलंकार है
सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी में कौन सा अलंकार है
अति मलिन वृषभानुकुमारी, अधोमुख रहति, उरध नहीं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी, छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी’ में कौन सा अलंकार है
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।’ में कौन सा अलंकार है
स्वारथु सुकृतु न, श्रमु वृथा में कौन सा अलंकार है
‘कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।’ में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आए। ...में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
दुख इस मानव-आत्मा का रे में कौन सा अलंकार है
रावण सिर-सरोज-वनचारी में कौन सा अलंकार है
जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में कौन सा अलंकार है
कबीरा सोई पीर है जो जानै पर पीर, जो पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर, में कौन सा अलंकार है
वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी में कौन-सा अलंकार है
‘दुख है जीवन-तरु के मूल।’ में कौन सा अलंकार है
मैं बरजी कै बार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।’ में कौन सा अलंकार है
'सुरभित सुन्दर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं में कौन सा अलंकार है
नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ में कौन सा अलंकार है
रावनु रथी विरथ रघुवीरा’ में कौन सा अलंकार है
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय मैं कौन सा अलंकार है
‘लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।’ में कौन सा अलंकार है
मेरे नगपति! मेरे विशाल! में कौन सा अलंकार है
‘जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।’ में कौन सा अलंकार है
मुख मयंक सम मंजु मनोहर,में कौन सा अलंकार है
भूप सहस दस एकहि बारा में कौन सा अलंकार है
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल।’ में कौन सा अलंकार है
सागर की लहर-लहर में है हास में कौन सा अलंकार है
खग कुल कुल कुल सा बोल रहा में कौन सा अलंकार की उत्पत्ति होती है
‘बीती विभावरी जाग री, अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।’ में कौन सा अलंकार है
मुदित महीपति मंदिर आये में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच नाच करती है में कौन सा अलंकार है
जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि ,कालिंदी कूल कदम्ब की डारन,में कौन सा अलंकार है
शोभा-सिंधु ना अंत रही है।’ में कौन सा अलंकार है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
नभ मंडल छाया मरुस्थल सा दल बाँध के अंधड़ आवे चला में कौन-सा अलंकार है
सारंग ले सारंग चली कर सारंग की ओट , सारंग झीनो देखकर सारंग कर गई चोट,में कौन सा अलंकार है
भर लाऊं सीपी में सागर प्रिय में कौन सा अलंकार है
रनित भृंग-घंटावली झरित दान-मधुनीर, मंद-मंद आवत चल्यो कुंजरु कुंज समीर,में कौन सा अलंकार है
निर्धन के धन सी तुम आई में कौन-सा अलंकार है
बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन इसमें कौन सा अलंकार है
सठ सुधरहिं सतसंगति पाईं में कौन सा अलंकार है
रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
नारी, नारी, नारी; इसकी छवि है सबसे प्यारी में कौन सा अलंकार है
जगी वनस्पतियां अलसाई मुह धोया शीतल जल से में कौन सा अलंकार है
‘चाँद की सी उजली जाली’ में कौन सा अलंकार है
‘बहुरि बदन-बिधु अंचल ढाँकी।’ में कौन सा अलंकार है
लसत सूर सायक-धनु-धारी में कौन सा अलंकार है
‘राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था।’ में कौन सा अलंकार है
लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी में कौन सा अलंकार है
बाण नहीं पहुंचे शरीर तक शत्रु गिरे पहले ही भू पर में कौन सा अलंकार है
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की में कौन सा अलंकार है
‘बरसत बारिद बून्द गहि’ में कौन सा अलंकार है
कूकै लगी कोयल कदंबन पर बैठी फेरि।’ में कौन सा अलंकार है
सपनों के गुब्बारे फोड़ती सुबह में कौन सा अलंकार है
तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि में कौन सा अलंकार है
कर कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजती है, में कौन सा अलंकार है