ramayan Mei Samas Hai : रामायण में समास सम्बन्ध तत्पुरुष समास है।
कठफोड़वा में समास है
क्षुधातुर में समास है
देशभक्ति में समास है
धर्मभ्रष्ट में समास है
शराहत में समास है
देवबली में समास है
जीवन मुक्त में समास है
वाग्दत्ता में समास है
मंत्रीवर में समास है
गृहस्थ आश्रम में समास है
मदांध में समास है
जलाभिषेक में समास है
ऋणमुक्त में समास है
काकबलि में समास है
जातिच्युत में समास है
चिड़ीमार में समास है
जलपिपासु में समास है
कमरतोड़ में समास है
प्रेमाकुल में समास है
तिलकुट में समास है
परलोकगमन में समास है
मार्गव्यय में समास है
रक्तारक्त में समास है
धर्मच्युत में समास है
जलहीन में समास है
रण विमुख में समास है
पेट दर्द में समास है
सर्वज्ञ में समास है
चित्त चोर में समास है
पंत प्रणीत में समास है
यशोदा में समास है
धर्माध में समास है
फला वेष्टित में समास है
आचारपूत में समास है
स्वर्गगत में समास है।
पुरुषोत्तम में समास है
नेत्रहीन में समास है
अग्निभक्षी में समास है
पथभ्रष्ट में समास है
पतित पावन में समास है
आराम कुर्सी में समास है
दस्तकारी में समास है
गगनचुंबी में समास है
खड्गधर में समास है
संकटापन्न में समास है
उद्योगपति में समास है
स्याही चूस में समास है
कनकटा में समास है
सेवानिवृत्त में समास है
देशाटन में समास है
गठकटा में समास है
वाग्युद्ध में समास है
स्वयंसिद्ध में समास है
विकासोन्मुख में समास है
विद्याधर में समास है
स्वागत गान में समास है
कुंभकार में समास है।
चन्द्रोदय में समास है
स्नेहा बिष्ट में समास है
सिर तोड़ में समास है
विचार मग्न में समास है
शिवार्पण में समास है
तर्कसंगत में समास है
गुरु दक्षिणा में समास है
गुणहीन में समास है
कलंकयुक्त में समास है
आनन्दाश्रम में समास है
पद प्राप्त में समास है
पददलित में समास है
ज्वरग्रस्त में समास है
गुरुसेवा में समास है
तुलसी कृत में समास है
पदच्युत में समास है
रोगग्रस्त में समास है
वीरकन्या में समास है
स्थानच्युत में समास है
कर्मरहित में समास है
कष्ट सहिष्णुता में समास है
कर्ज मुक्त में समास है
जगबीती में समास है