mohaandh Mein Samaas : मोहांध में करण तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - मोह से अंधा
भार रहित में समास है
जगबीती में समास है
कष्टापन्न में समास है
धर्मभ्रष्ट में समास है
लक्ष्य भ्रष्ट में समास है।
ज्ञानयुक्त में समास है
धनहीन में समास है
वनवास में समास है
मरणातुर में समास है
जलधारा में समास है
क्रीड़ास्थल में समास है
ग्रामवास में समास है
दिलतोड़ में समास है
तुलसी कृत में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
जन्मरोगी में समास है
अश्वमेध में समास है
सुखप्राप्त में समास है
अकाल पीड़ित में समास है
गृहस्वामी में समास है
गृहागत में समास है
पद भ्रष्ट में समास है
आराम कुर्सी में समास है
मालगोदाम में समास है
विकासोन्मुख में समास है
स्वरचित में समास है
यज्ञाहुति में समास है।
तीर्थाटन में समास है
हथकड़ी में समास है
डिब्बाबंद में समास है
जेबकतरा में समास है
देश-विदेश में समास है
मुनिश्रेष्ठ में समास है
जलधर में समास है
देशार्पण में समास है
जल समाधि में समास है
जीवन मुक्त में समास है
कर्मवीर में समास है
भुखमरा में समास है
जनप्रिय में समास है
नककटा में समास है
नेत्रहीन में समास है
चित्त चोर में समास है
घृतमिश्रित में समास है
आज्ञानुसार में समास है
लोकहितकारी में समास है
दहीबड़ा में समास है
देहचोर में समास है
चिड़ीमार में समास है
संकटापन्न में समास है
नरश्रेष्ठ में समास है
शोकाकुल में समास है
व्यक्तिगत में समास है
व्यवहारकुशल में समास है
जलमग्न में समास है
आटा-दाल में समास है
वीरकन्या में समास है
भाग्यहीन में समास है
जलपिपासु में समास है
सत्याग्रह में समास है
सर्वभक्षी में समास है
जग सुहाता में समास है
कपड़छन में समास है
स्नानघर में समास है
चिड़ियाघर में समास है
दुःखद में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
साधु दक्षिणा में समास है
प्रेमसिक्त रचित में समास है
अग्निभक्षी में समास है
अंधकारयुक्त में समास है
अन्नहीन में समास है
फलहीन में समास है
डाक महसूल में समास है
गंगातट में समास है
कष्ट साध्य में समास है
कंटकाकीर्ण में समास है