dhyaanmagn Ka Samas : ध्यानमग्न में अधिकरण तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - ध्यान में मग्न
देवबली में समास है
युद्धवीर में समास है
आँखोंदेखी में समास है
पदच्युत में समास है
जलहीन में समास है
लोकप्रिय में समास है।
पंत प्रणीत में समास है
कठखोदवा में समास है
ऋणमुक्त में समास है
आचारकुशल में समास है।
देशगत में समास है
कनकघर में समास है
अक्षांश में समास है
देशार्पण में समास है
चिड़ीमार में समास है
मनोहर में समास है
विश्राम गृह में समास है
मदमस्त में समास है
ज्वरग्रस्त में समास है
आराम कुर्सी में समास है
भाग्यहीन में समास है
मुँहचोर में समास है
मदमाता में समास है
जगबीती में समास है
धर्मच्युत में समास है
विवाहेतर में समास है
रण विमुख में समास है
विद्या रहित में समास है
रणभूमि में समास है
ग्रामवास में समास है
चरित्र चित्रण में समास है
पर्णकुटीर रचित में समास है
तुलसी कृत में समास है
शत्रुघ्न में समास है
कारावास में समास है
गंगाजल में समास है
फलहीन में समास है
सूररचित में समास है
कर्णफूल में समास है
चिड़ियाघर में समास है
संकटापन्न में समास है
गुरुदक्ष में समास है
घृतमिश्रित में समास है
जन्मरोगी में समास है
उद्योगपति में समास है
अग्निभक्षी में समास है
कष्टापन्न में समास है
सिरदर्द में समास है
माखनचोर में समास है
मोहांध में समास है
विचार मग्न में समास है
संगीतज्ञ में समास है
पक्षधर में समास है
हथकड़ी में समास है
प्रयोगशाला में समास है
स्नेहा बिष्ट में समास है
रेखांकित में समास है
गुणहीन में समास है
विधानसभा में समास है
पुत्र शोक में समास है
व्यय मुक्त में समास है
रथचालक में समास है
सर्वभक्षी में समास है
घुड़दौड़ में समास है
मनचाहा में समास है
युद्ध निपुण में समास है
देशाटन में समास है
चिंतामग्न में समास है
गुरु दक्षिणा में समास है
स्वयंसिद्ध में समास है
बुद्धिहीन में समास है
वन गमन में समास है
स्थान भ्रष्ट में समास है
अंधकारयुक्त में समास है
मुंहतोड़ में समास है
जलावृत में समास है
कपड़छन में समास है
मदांध में समास है
गौशाला में समास है