jitendriy Mein Samaas Hai : जितेन्द्रिय में कर्म तत्पुरुष समास है।
समास विग्रह - इंद्रियों को जीतने वाला
जितेन्द्रिय में समास है
जग सुहाता में समास है
गुरुदक्ष में समास है
गृहस्थ आश्रम में समास है
पक्षधर में समास है
कष्ट सहिष्णुता में समास है
मंत्रीवर में समास है
तिलचट्टा में समास है
चिंतामग्न में समास है
देहचोर में समास है
हस्तलिखित में समास है
विधानसभा में समास है
पर्वतारोहण में समास है
गृहप्रवेश प्रवेश में समास है
देशभक्ति में समास है
भार रहित में समास है
आनन्दाश्रम में समास है
व्यक्तिगत में समास है
धर्मच्युत में समास है
आचारकुशल में समास है।
जलमग्न में समास है
आराम कुर्सी में समास है
कामचोर में समास है
काकबलि में समास है
राहखर्च में समास है
संगीतज्ञ में समास है
गुणहीन में समास है
मार्गव्यय में समास है
साधु दक्षिणा में समास है
व्यवहारकुशल में समास है
लोकहितकारी में समास है
बीमारी मुक्त में समास है
नरभक्षी में समास है
नरोत्तम में समास है
नेत्रहीन में समास है
रत्नजड़ित में समास है
गुरुदत्त में समास है
पद भ्रष्ट में समास है
कर्मरहित में समास है
मुनिश्रेष्ठ में समास है
गिरिधर में समास है
मरणातुर में समास है
जलसिक्त में समास है
गौशाला में समास है
जीवदानी में समास है
हथकड़ी में समास है
मूर्तिकार में समास है
गगनचुंबी में समास है
वन गमन में समास है
कठफोड़वा में समास है
मरणोत्तर में समास है
हितकारी में समास है।
पतित पावन में समास है
देवदत्त में समास है
जल समाधि में समास है
मदमस्त में समास है
गृहागत में समास है
भयभीत में समास है
कठफोड़ा में समास है
श्रमजीवी में समास है
समाचार पत्र में समास है
शत्रुघ्न में समास है
दिलतोड़ में समास है
विचार मग्न में समास है
सुखप्राप्त में समास है
कन्यादान में समास है
सत्ताच्युत में समास है
जन्मरोगी में समास है
फलहीन में समास है
दूरागत में समास है
मदमाता में समास है
स्थानच्युत में समास है
चिड़ीमार में समास है
अमचूर में समास है
कर्महीन में समास है
मुहमांगा में समास है
दयार्द्र में समास है
कष्ट साध्य में समास है
सर्वभक्षी में समास है