Gk
mob
.com
सभी
पर्यायवाची
विलोम
मुहावरे
व्याकरण
अलंकार
वाक्यांश
संधि
इतिहास
समास
अनेकार्थी
तत्सम तद्भव
Shiksha Manovigyan
विकास की प्रक्रिया सम्बन्धित है
निम्नलिखित में कौन-सी विशेषता पोषण से सम्बन्धित है
जिस विधि के द्वारा बालक को आत्म-निर्देशन के माध्य से बुरी आदतों को छुड़वाने का प्रयास किया जाता है, वह विधि है
खेल के मैदान को किस विद्वान ने चरित्र निर्माण का स्थल माना है
”संवेदना ज्ञान की पहली सीढ़ी है
तर्क, जिज्ञासा तथा निरीक्षण शक्ति का विकास होता है
निरंकुश राजतंत्र में समाजीकरण की प्रक्रिया होगी
‘दिवास्वप्न’ किस संगठन तन्त्र में विकसित रूप प्राप्त करता है
मिड डे मील योजना का प्रमुख संबंध है
स्टर्न के अनुसार खेल क्या है
संकल्प शक्ति के कितने अंग हैं
अभिप्रेरणा का महत्व है
समाजीकरण की प्रक्रिया में योगदान होता है
”विकास के अनुरूप व्यक्ति में नवीन योग्यताएं एवं विशेषताएँ प्रकट होती है” यह कथन है
अभिवृद्धि वृद्धि की प्रक्रिया चलती है
अभिवृद्धि का क्रम मानव को ले जाता है
शिक्षण कार्य में बालक के प्रारम्भिक अनुभव को उत्तम बनाने का कार्य करने के लिए शिक्षक को प्रयोग करना चाहिए
मैक्डूगल के अनुसार संवेग होते हैं
संवेगों की उत्पत्ति होती है
एक बालक को अपने किये जाने वाले कार्यों पर समाज में प्रशंसा एवं पुरस्कार प्राप्त नहीं होता है, तो उसका व्यवहार होगा
किस सामाजिक स्थिति के बालकों में संवेगात्मक अस्थिरता पायी जाती है
गैसेल के अनुसार व्यापक दृष्टिकोण है
क्वाशियरकर नामक रोग उत्पन्न होता है
मांस से प्राप्त प्रोटीन को कहते है
पोषण के उपायों में प्रभावशीलता के लिए आवश्यक है
सन्तुलित भोजन का स्वरूप निर्धारित होता है
पोषाहार योजना सम्बन्धित है
समाजीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित करते है
जिस बुद्धि का कार्य सूक्ष्य तथा अमूर्त प्रश्नों का चिन्तन तथा मनन द्वारा हल करना है, वह है
किस स्थिति में समाजीकरण की प्रक्रिया तीव्र होगी
बुडवर्थ के अनुसार वातावरण का सम्बन्ध है
कोई व्यक्ति डॉक्टर बनने की योग्यता रखता है तो कोई व्यक्ति शिक्षक बनने की योग्यता। यह किस कारण से होती है
“Introduction of Psychology” नामक पुस्तक लिखी है
”सत्य अथवा तथ्यों के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रिया का बल ही बुद्धि है।” बुद्धि की यह परिभाषा है
‘संवेग प्रकृति का हृदय है।’ यह कथन है
चरित्र को निश्चित करने वाला महत्वपूर्ण कारक है
शिक्षा का कार्य है
वैयक्तिक भेदों का अध्ययन तथा सामान्यीकरण का अध्ययन किया जाता है
मानव विकास जिन दो कारकों पर निर्भर करता है, वह है
”विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताएं और नवीन योग्यताएं प्रगट होती हैं।” यह कथन है
”वातावरण में सब बाह्य तत्व आ जाते हैं, जिन्होंने व्यक्ति को आरम्भ करने के समय में प्रभावित किया है।” यह परिभाषा है
संवेग शरीर की वह जटिल दशा है जिसमें श्वास, नाड़ी तन्त्र, ग्रन्थियां, मानसिक स्थिति, उत्तेजना, अवबोध आदि का अनुभूति पर प्रभाव पड़ता है तथा पेशियां निर्दिष्ट व्यवहार करने लगती हैं। यह कथन है
यह विचार किसका है –”क्योंकि दो बालकों में समान योग्यताएं या समान अनुभव नहीं होते हैं, इसीलिए दो व्यक्तियों में किसी वस्तु या परिस्थिति का समान ज्ञान होने की आशा नहीं की जा सकती
व्यक्तिगत भेद को ज्ञात करने की विधियां हैं
वर्तमान समय में विद्यालयों में मैत्री और प्रसन्नता का जो वातावरण दिखता है, उसका कारण है
यह मत किसका है –”शिक्षक को अपने कार्य के सफल सम्पादन के लिए व्यावहारिक मनोविज्ञान का ज्ञान होना चाहिए
लड़कियों में बाह्य परिवर्तन किस अवस्था में होने लगते हैं
”विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताएं और नवीन योग्यताएं प्रस्फुटित होती है।” यह कथन है
वातावरण के अन्तर्गत आते हैं
”मष्तिष्क द्वारा अपनी स्वयं की क्रियाओं का निरीक्षण किया जाता है
जैसे-जैसे बालक की आयु का विकास होता है वैसे-वैसे उसके सीखने का क्रम निम्नलिखित की ओर चलता है
शैशवावस्था को जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण काल क्यों कहा जाता है
प्रयोगात्मक विधि में सामना नहीं करना पड़ता है
बाल्यावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता क्या है
बाल्यावस्था में सामान्यतः: बालक का व्यक्तित्व होता है
बुद्धि-लब्धि के लिए विशिष्ट श्रेय किस मनोवैज्ञानिक को जाता है
निम्न में से कौन-सा कारक व्यक्ति की वृद्धि या विकास को प्रभावित करता है
”पर्यावरण बाहरी वस्तु है जो हमें प्रभावित करती है।” यह विचार है
मूल प्रवृत्ति की प्रमुख विशेषता पायी जाती है
रुचियों, मूल प्रवृत्तियों एवं स्वाभाविक संवेगों का स्वस्थ विकास हो सकता है यदि
शैक्षिक दृष्टि से बाल विकास की अवस्थाएं है
स्किनर का मानना है कि ”विकास के स्वरूपों में व्यापक वैयक्तिक भिन्नताएं होती हैं। यह विचार विकास के किस सिद्धांत के संदर्भ में हैं
व्यक्ति के स्वाभाविक विकास को कहते हैं
मनोविश्लेषणवाद (Psychoanalysis) के जनक थे
सिगमण्ड फ्रायड के अनुसार, निम्न में से मन की तीन स्थितियों हैं
केवल दो प्रकार की मूल प्रवृत्ति है – मृत्यु एवं जीवन। यह विचार है
इड (ID), ईगो (Ego), एवं सुपर इगो (Super Ego) को मानव की संरचना का अभिन्न भाग मानता है
चारित्रिक विकास का प्रतीक है
वाटसन ने नवजात शिशु में मुख्य रूप से किन संवेगों की बात कही है
अन्तर्दर्शन विधि में बल दिया जाता है
«
1
2
3
4
5
»