yathesht mein Kaun Sa Samas : यथेष्ट में अव्ययीभाव समास है।
यथेष्ट का समास विग्रह
समास विग्रह = सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग–अलग किए जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
यथेष्ट= जितना चाहिए उतना
यथेष्ट में अव्ययीभाव समास होता है|
अव्ययीभाव समास में पहला शब्द अव्यय होता है बाद का शब्द कोई संज्ञा शब्द होता है। अव्यय और संज्ञा के योग से बनता है और इसका क्रिया विशेष के रूप में प्रयोग किया जाता है।