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रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय?

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (जीवन परिचय)-रामधारी सिंह दिनकर हिंदी के प्रसिद्ध कवियों में से एक राष्ट्रवादी कवि के रूप में हिंदी के सुविख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 ईसवी में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय

रामधारी सिंह दिनकर सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार) में एक सामान्य किसान रवि सिंह तथा उनकी पत्नी मन रूप देवी के पुत्र के रूप में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ एवं उत्तम वीर रस एक कवि के रूप में अपना वर्चस्व स्थापित किए, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इन्हें राष्ट्र कवि के नाम से जाने जाना लगा। रामधारी सिंह दिनकर दो वर्ष के थे, जब उनके पिता का देहावसान हो गया। परिणामत: दिनकर और उनके भाई-बहनों का पालन-पोषण उनकी विधवा माता ने किया। रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय

रामधारी सिंह दिनकर का बचपन देहात में गुजरा, बागों में टहलना, हरियालीयों की सैर करना उनको बचपन में ज्यादा पसंद हुआ करते थे और आनंदित समय गुजारते थे। उन्हें अपनी शिक्षा संस्कृत के एक पंडित के पास जाकर अपनी आरंभिक शिक्षा ली और इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के एक स्कूल से ही उत्तीर्ण की और यह हाई स्कूल की शिक्षा मोकामाघाट हाई स्कूल से उत्तीर्ण की, और इसी बीच उनका विवाह हो गया तथा यह 1 पुत्र के पिता भी हो चुके थे। 1928 ईस्वी में अपनी मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद पटना विश्वविद्यालय से b.a. ऑनर्स किया बीए ऑनर्स पूरा होने के बाद यह प्रधानाध्यापक के रूप में एक स्कूल में नियुक्त हुए और आगे चलकर संस्कृत, बंगला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किए। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक समानता और शोषण के खिलाफ कविताओं की रचना की।रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय

एक प्रगतिवादी और मानववादी कवि के रूप में उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों और घटनाओं को ओजस्वी और प्रखर शब्दों का तानाबाना दिया। इनमें दिनकर का कवि अपने व्यक्ति परक, सौन्दर्यान्वेषी मन और सामाजिक चेतना से उत्तम बुद्धि के परस्पर संघर्ष का तटस्थ द्रष्टा नहीं, दोनों के बीच से कोई राह निकालने की चेष्टा में संलग्न साधक के रूप में मिलता है दिनकर के प्रथम तीन काव्य-संग्रह प्रमुख हैं– ‘रेणुका’ (1935 ई.), ‘हुंकार’ (1938 ई.) और ‘रसवन्ती’ (1939 ई.). रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय