बालक विद्यालय में शिक्षक के गुणों को ग्रहण करता है क्योंकि वह शिक्षक को स्वीकार करता है
balak Vidyalaya Mein Shikshak Ke Gunon Ko Grahan Karta Hai Kyonki Vah Shikshak Ko Sveekaar Karata Hai : बालक विद्यालय में शिक्षक के गुणों को ग्रहण करता है क्योंकि वह शिक्षक को चरित्रवान व्यक्ति के रूप में स्वीकार करता है।