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“समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति व्यवहारों को स्वीकार करता है और उसके साथ अनुकूलन करता है?

“samajikaran vah prakriya hai jisake falsvarup vyakti vyavhar ko sveekaar karata hai aur usake saath anukoolan karata hai.” : “समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति व्यवहारों को स्वीकार करता है और उसके साथ अनुकूलन करता है यह कथन फिचर (Fitcher) महोदय का।”