मैं कवि हूँ, मेरा पिता चिकित्सक है और मेरी माँ पिसनहारी हैं, सबका पेशा अलग होते हुए भी लाभ हेतु हम मवेशियों को पालते हैं” उपर्युक्त कथन प्राचीन भारत के किस काल की सामाजिक व्यवस्था को चित्रित करता हैं
मैं कवि हूँ, मेरा पिता चिकित्सक है और मेरी माँ पिसनहारी हैं, सबका पेशा अलग होते हुए भी लाभ हेतु हम मवेशियों को पालते हैं” उपर्युक्त कथन प्राचीन भारत के ऋग्वैदिक कालीन की सामाजिक व्यवस्था को चित्रित करता हैं।