कार्बन डेटिंग विधि जीवाश्मों की आयु निर्धारित करने के लिए अपनाई जाती है। न्याय प्रणाली में कार्बन काल विधि के माध्यम से तिथि निर्धारण होने पर इतिहास एवं वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। लेकिन, तमाम वजहों से ये विवादों में रही है।