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टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए लोकोक्ति का अर्थ क्या है?

tukada khae dil bahalae, kapade phaate ghar ko aae lokokti ka arth kya hai : टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए लोकोक्ति का अर्थ ऐसा काम करना जिसमें केवल भरपेट भोजन मिले, कोई लाभ न हो