नवीन मुसलमान दिल्ली में बसने वाले मंगोलों को कहा गया। चंगेज़ ख़ाँ के नाती उलगू ने अपने लगभग 400 मंगोल समर्थकों के साथ इस्लाम धर्म ग्रहण कर भारत में रहने का निर्णय लिया। कालान्तर में जलालुद्दीन ने उलगू के साथ ही अपनी पुत्री का विवाह किया और साथ ही रहने के लिए दिल्ली के समीप 'मुगरलपुर' नाम की बस्ती बसाई गई। बाद में उन्हें ही 'नवीन मुसलमान' के नाम से जाना गया।