किस जैन ग्रंथ में सोलह महाजनपदों का वर्णन है जो अंगुत्तर निकाय से थोड़ा अलग है
kis Jain Granth Mein Solah Mahaajanapadon Ka Varnan Hai Jo Anguttar Nikaay Se Thoda Alag Hai : भगवती सुत्त जैन ग्रंथ में सोलह महाजनपदों का वर्णन है जो अंगुत्तर निकाय से थोड़ा अलग है।