Kaviraj Mein Samas : कविराज में अधिकरण तत्पुरूष समास है।
समास विग्रह - कवियों में राजा
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।’ में कौन सा अलंकार है
भक्तिसुधा में कौन सा समास है
गायक में कौन सा प्रत्यय है
जन्मांध में कौन सा समास है
मंगन को देखि पट देत बार-बार है में कौन सा अलंकार है
स्नेहमग्न में कौन सा समास है
बदस्तूर में कौन सा समास है
नीलगगन में कौन सा समास है
‘तारा सो तरनि धूरि धारा मैं लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यो हलत है।’ में कौन सा अलंकार है
लहरें व्योम चूमती उठतीं में कौन सा अलंकार है
सिरतोड़ में कौन सा समास है
रावण सिर-सरोज-वनचारी में कौन सा अलंकार है
चन्द्रमुख में कौन सा समास है
‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’ में कौन सा अलंकार है
उपसर्ग शब्द में कौन सा उपसर्ग है
मान-सम्मान में कौन सा समास है
स्वर्ग-नरक में कौन सा समास है
मांसभक्षी में कौन सा समास है
प्रतिशत में कौन सा समास है
पंचानन में कौन सा समास है
पूजनीय में कौन सा प्रत्यय है
सज्जन (Sajjan) में कौन सा समास है
यशप्राप्त में कौन सा समास है
यश-अपयश में कौन सा समास है
‘कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लानी।’ में कौन सा अलंकार है
जीव-जंतु में कौन सा समास है
कर कानन कुंडल मोरपखा उर पै बनमाल बिराजती है, में कौन सा अलंकार है
अभ्रक उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है
बेरोकटोक में कौन सा समास है
‘ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी। ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।’ में कौन सा अलंकार है
धर्म-अधर्म में कौन सा समास है
अत्यंत में कौन सा उपसर्ग है
गृहस्वामी में कौन सा समास है
नीलाकाश में कौन सा समास है
लव-कुश में कौन सा समास है
घनश्याम में कौन सा समास है
‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है
विमल वाणी ने वीणा ली, में कौन सा अलंकार है
शोकातुर में कौन सा समास है
जल-थल में कौन सा समास है
दूध-दही में कौन सा समास है
वे न इहाँ नागर भले जिन आदर तौं आब में कौन सा अलंकार है
सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।’ में कौन सा अलंकार है
वन शारदी चंद्रिका चादर ओढ़े में कौन सा अलंकार है
सशक्त में कौन सा समास है
बिना काम का में कौन सा समास है
सत्याग्रह में कौन सा समास है
अधपका में कौन सा समास है
तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है इसमें कौन सा अलंकार है
त्रिलोचन में कौन सा समास है
जगदम्बा में कौन सा संधि है
आत्मघाती में कौन सा समास है
बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाय, सौंह करै भौंहनु हँसे , दैन कहै , नटि जाय में कौन सा रस है
चंचला स्नान कर आये, चन्द्रिका पर्व में जैसे उस पावन तन की शोभा, आलोक मधुर थी ऐसे।’ में कौन सा अलंकार है
यथासंभव में कौन सा समास है
यदि कोई व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता है तो उसकी दृष्टि में कौन सा दोष होगा
कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है
रात-दिन में कौन सा समास है
वाक्य-गयान अत्यंत निपुन भव-पार न पावै कोई।’ में कौन सा अलंकार है
दिवस का समय, मेघ आसमान से उतर रही है, वह संध्या सुंदरी सी, धीरे धीरे।’ में कौन सा अलंकार है
देश-विदेश में कौन सा समास है
‘कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को’ में कौन सा अलंकार है
चांद से सुंदर मुख में कौन सा अलंकार है
यथामति में कौन सा समास है
षडरस में कौन सा समास है
अरहर सनई की सोने की, कंकरिया है शोभाशाली।’ में कौन सा अलंकार है
प्रतिवर्ष में कौन सा समास है
तिमाही में कौन सा समास है
निडर में कौन सा समास है
सहसा में कौन सा समास है
प्रतिसप्ताह में कौन सा समास है
पथभ्रष्ट में कौन सा समास है
दिगंबर में कौन सा समास है
स्त्री में कौन सा समास है
महादेव में कौन सा समास है
अनुदार में कौन सा समास है
चिन्ताग्रस्त में कौन सा समास है
‘बरसत बारिद बून्द गहि’ में कौन सा अलंकार है
पुरुषसिंह में कौन सा समास है
‘कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।’ में कौन सा अलंकार है।