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जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग लोकोक्ति का अर्थ क्या है?

jut-jut maren bailava, baithe khaay turang lokokti ka arth kya hai : जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग लोकोक्ति का अर्थ जब कोई कठिन परिश्रम करे और उसका आनंद दूसरा उठावे तब कहते हैं, जैसे गरीब आदमी परिश्रम करते हैं और पूँजीपति उससे लाभ उठाते हैं