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जोगी काके मीत, कलंदर किसके भाई लोकोक्ति का अर्थ क्या है?

jogee kaake meet, kalandar kisake bhaee lokokti ka arth kya hai : जोगी काके मीत, कलंदर किसके भाई लोकोक्ति का अर्थ जोगी किसी के मित्र नहीं होते और फकीर किसी के भाई नहीं होते, क्योंकि वे नित्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं