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जो गंवार पिंगल पढ़ै, तीन वस्तु से हीन, बोली, चाली, बैठकी, लीन विधाता छीन का अर्थ क्या है?

जो गंवार पिंगल पढ़ै, तीन वस्तु से हीन, बोली, चाली, बैठकी, लीन विधाता छीन का अर्थ चाहे गंवार पढ़-लिख ले तिस पर भी उसमें तीन गुणों का अभाव पाया जाता है। बातचीत करना, चाल-ढाल और बैठकबाजी