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जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई लोकोक्ति का अर्थ क्या है?

jo ati aatap vyaakul hoee, taru chhaaya sukh jaane soee lokokti ka arth kya hai : जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई लोकोक्ति का अर्थ जिस व्यक्ति पर जितनी अधिक विपत्ति पड़ी रहती है उतना ही अधिक वह सुख का आनंद पाता है