जलियावाला बाग काण्ड के समय (13 अप्रैल, 1919) जनता वहाँ लोकप्रिय नेता डॉ. सैफुद्दीन किचलू और डॉ. सत्यपाल की गिरफ्तारी के विरूद्ध विरोध प्रकट करने के लिए एकत्रित हुई थी।