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ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया लोकोक्ति का अर्थ क्या है?

eeshvar kee maaya, kaheen dhoop kaheen chhaaya lokokti ka arth kya hai : ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया लोकोक्ति का अर्थ भगवान की माया विचित्र है। संसार में कोई सुखी है तो कोई दुःखी, कोई धनी है तो कोई निर्धन