Gkmob.com

आगे नाथ न पीछे पगहा, सबसे भला कुम्हार का गदहा या (खाय मोटाय के हुए गदहा) लोकोक्ति का अर्थ क्या है

aage Naath Na Peechhe Pagaha, Sabase Bhala Kumhaar Ka Gadaha Ya (khaay Motaay Ke Hue Gadaha) Lokokti Ka Arth Kya Hai : आगे नाथ न पीछे पगहा, सबसे भला कुम्हार का गदहा या (खाय मोटाय के हुए गदहा) लोकोक्ति का अर्थ जिस मनुष्य के कुटुम्ब में कोई न हो और जो स्वयं कमाता और खाता हो और सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त हो