aage Naath Na Peechhe Pagaha, Sabase Bhala Kumhaar Ka Gadaha Ya (khaay Motaay Ke Hue Gadaha) Lokokti Ka Arth Kya Hai : आगे नाथ न पीछे पगहा, सबसे भला कुम्हार का गदहा या (खाय मोटाय के हुए गदहा) लोकोक्ति का अर्थ जिस मनुष्य के कुटुम्ब में कोई न हो और जो स्वयं कमाता और खाता हो और सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त हो।